अखिलेश यादव का तीखा हमला: ‘एफआईआर से नहीं रुकेगी हमारी PDA पाठशाला, बीजेपी ने तालाबों पर किया कब्जा’
Even British Never Filed FIR on Education: लखनऊ में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने PDA पाठशाला पर FIR को लोकतंत्र पर हमला बताया और कहा कि अंग्रेजों ने भी पढ़ाई पर केस नहीं किया। साथ ही लखनऊ व प्रदेश भर में वेटलैंड्स पर भाजपा नेताओं द्वारा कब्जे का आरोप लगाया।
अंग्रेजों ने भी पढ़ाई पर FIR नहीं की, लेकिन BJP कर रही: अखिलेश यादव फोटो सोर्स : Patrika
Akhilesh Yadav BJP vs SP: उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर शिक्षा और पर्यावरण को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने सरकार की ओर से समाजवादी PDA पाठशाला को बंद कराने की कोशिश को अलोकतांत्रिक और जनविरोधी करार देते हुए कहा कि “अंग्रेजों ने भी कभी पढ़ाई को लेकर किसी पर एफआईआर नहीं लिखवाई, लेकिन यह सरकार सोचती है कि पुलिस से हमारी पाठशाला बंद करा देगी।”
समाजवादी पार्टी की ‘PDA पाठशाला’ हाल ही में शुरू की गई एक सामाजिक और राजनीतिक मुहिम है, जिसका उद्देश्य पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक वर्ग के युवाओं को संविधान, नागरिक अधिकारों और शिक्षा के मूल्यों के प्रति जागरूक करना है। इसका संचालन पार्टी कार्यकर्ताओं और स्वेच्छिक शिक्षकों द्वारा किया जा रहा है। सरकार की ओर से इसे राजनीतिक प्रशिक्षण का नाम देते हुए गैरकानूनी बताया गया और कुछ जिलों में इन पर कार्रवाई भी हुई।
अखिलेश का सरकार पर हमला
अखिलेश यादव ने लखनऊ में पार्टी मुख्यालय से जारी एक बयान में कहा, “यह सरकार चाहती है कि गरीब, दलित और पिछड़े पढ़-लिख न सकें। तभी तो उनकी शिक्षा की छोटी सी पहल को भी एफआईआर और पुलिस कार्रवाई से दबाया जा रहा है। लेकिन हम संकल्प लेते हैं कि जब तक सरकार खुद इन क्षेत्रों में टीचर और शिक्षा की व्यवस्था नहीं कर देती, तब तक हमारी PDA पाठशाला चलती रहेगी।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस प्रशासन को राजनीतिक औजार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। “पढ़ाई कराना अगर अपराध है, तो हम हर रोज यह अपराध करेंगे,” अखिलेश ने चुनौती भरे अंदाज़ में कहा।
तालाबों और वेटलैंड पर कब्जे का आरोप
अखिलेश यादव ने सिर्फ शिक्षा ही नहीं, बल्कि पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों के मुद्दे पर भी भाजपा सरकार को घेरा। उन्होंने कहा, “लखनऊ में जितने भी तालाब थे, सब पर बीजेपी नेताओं ने कब्जा कर लिया है। सिर्फ लखनऊ ही नहीं, पूरे उत्तर प्रदेश में जहां भी वेटलैंड या जलाशय था, वहां कब्जा करने वाले भाजपा के लोग ही हैं।”उन्होंने कहा कि जल संरक्षण और पर्यावरण के नाम पर केवल भाषण होते हैं, जमीनी स्तर पर इनकी कोई नीति नहीं है। “जहां जल बचाने की बात होनी चाहिए, वहां सरकार ने जल को बेचा है,” उन्होंने कहा।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अखिलेश यादव इन दोनों मुद्दों को आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनाव के लिए एक प्रमुख हथियार की तरह इस्तेमाल करना चाहते हैं। शिक्षा और पर्यावरण जैसे संवेदनशील मुद्दों पर हमला कर वे युवाओं, ग्रामीण और जागरूक वर्ग को साधना चाहते हैं। PDA का फुल फॉर्म पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक है, जिसे लेकर समाजवादी पार्टी एक नई राजनीतिक सोशल इंजीनियरिंग खड़ी करने की कोशिश कर रही है। यह बीजेपी के OBC कार्ड के जवाब में एक ठोस आधार तैयार करने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है।
सरकारी पक्ष क्या कहता है
राज्य सरकार ने PDA पाठशाला को लेकर सफाई दी है कि यह राजनीतिक गतिविधि है जिसे शिक्षण संस्थानों के नाम पर नहीं चलाया जा सकता। “शिक्षा का कार्य मान्यता प्राप्त संस्थानों और प्रशिक्षित शिक्षकों के माध्यम से ही हो सकता है,” एक अधिकारी ने कहा कि सरकार का तर्क है कि कुछ स्थानों पर PDA पाठशाला के जरिए सरकार विरोधी सामग्री का प्रचार किया जा रहा था, जो कानून व्यवस्था के लिए चुनौती बन सकता है।
अखिलेश का पलटवार
अखिलेश यादव ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि संविधान की शिक्षा देना कोई अपराध नहीं है। “हम बाबा साहब अंबेडकर और डॉ. राम मनोहर लोहिया के रास्ते पर चल रहे हैं। संविधान की बातें करना अगर अपराध है, तो यह सरकार संविधान के खिलाफ है,” उन्होंने कहा।
जनता में संदेश
PDA पाठशालाओं की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में जहां सरकारी स्कूलों की हालत बेहद खराब है। युवाओं में इसके प्रति उत्साह दिख रहा है। वहीं तालाब और वेटलैंड पर कब्जे का मुद्दा भी जनता में गूंजने लगा है, खासकर उन इलाकों में जहां बाढ़ या सूखे की समस्या बढ़ गई है।
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