सीएम योगी और डिप्टी सीएम रहेंगे मौजूद
बैठक की अहमियत इस बात से भी झलकती है कि इसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं भाग लेंगे। इसके अलावा डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और केशव प्रसाद मौर्य भी बैठक में उपस्थित रहेंगे। तीनों शीर्ष नेता मिलकर संगठन को न केवल दिशा देंगे, बल्कि हालिया राजनीतिक घटनाक्रमों की पृष्ठभूमि में भविष्य की रूपरेखा भी तैयार करेंगे।प्रदेश अध्यक्ष और संगठन महामंत्री की अहम भूमिका
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी और प्रदेश संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह भी बैठक में हिस्सा लेंगे। इन दोनों नेताओं की उपस्थिति यह सुनिश्चित करती है कि पार्टी के प्रदेश स्तर पर संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने के लिए गहन विचार-विमर्श किया जाएगा।जिलाध्यक्षों और पदाधिकारियों को दिया गया विशेष निमंत्रण
इस महत्वपूर्ण बैठक के लिए भाजपा के सभी 75 जिलों के जिलाध्यक्षों को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है। साथ ही पार्टी के मंडल अध्यक्षों, महामंत्रियों, कार्यकारिणी सदस्यों और अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों को भी बैठक में बुलाया गया है। ऐसा पहली बार नहीं है जब पार्टी इतनी व्यापक संगठनात्मक बैठक कर रही है, लेकिन इस बार का मंथन कई मायनों में विशेष होगा।चर्चा के मुख्य बिंदु
1. तिरंगा अभियान पर होगी रणनीति:जैसा कि पूरे देश में स्वतंत्रता दिवस को लेकर ‘हर घर तिरंगा’ अभियान जोर पकड़ रहा है, भाजपा उत्तर प्रदेश में इस अभियान को जन-जन तक पहुँचाने के लिए विशेष रणनीति बनाएगी। 13 से 15 अगस्त के बीच यह अभियान चलाया जाएगा, जिसके लिए पार्टी कार्यकर्ताओं को घर-घर जाकर लोगों को झंडा लगाने के लिए प्रेरित करने की योजना बनाई जा रही है।
बैठक में मंडल स्तर पर संगठन के ढांचे को और मजबूत करने की दिशा में भी निर्णय लिए जाएंगे। प्रत्येक मंडल में समितियों के गठन और कार्यक्षेत्र का निर्धारण किया जाएगा। इन समितियों के माध्यम से भाजपा जमीनी स्तर तक अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है।
आगामी लोकसभा चुनाव 2026 को देखते हुए पार्टी अभी से संगठन को सक्रिय कर रही है। भाजपा विभिन्न जनसंपर्क अभियानों, प्रबुद्ध वर्ग संवाद, महिला मोर्चा, युवा मोर्चा और किसान मोर्चा जैसे संगठनों के कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार करेगी। इन अभियानों के माध्यम से भाजपा जनता के बीच अपनी उपलब्धियों को पहुंचाना चाहती है।
बैठक के दौरान पिछली बैठकों में लिए गए निर्णयों की समीक्षा भी की जाएगी। विभिन्न जिलों से संगठन के कार्यों की रिपोर्ट ली जाएगी। इससे यह भी आकलन किया जाएगा कि किन क्षेत्रों में संगठनात्मक रूप से और अधिक सुदृढ़ता लाने की आवश्यकता है।