Curd Honey Face Mask: दही और शहद, रूखी त्वचा के लिए नेचुरल ग्लो का सीक्रेट फार्मूला
Curd Honey Face Mask: दही और शहद का फेशियल सूखी त्वचा को नमी और पोषण देने का एक प्राकृतिक तरीका है। यह पैक त्वचा को एक्सफोलिएट कर उसे मुलायम, साफ और चमकदार बनाता है।
Best natural face pack for dry skin
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Curd Honey Face Mask For Dry Skin: दही और शहद का फेशियल एक प्राकृतिक और प्रभावी तरीका है जिससे आप अपनी सूखी त्वचा को नमी और पोषण दे सकते हैं। दही में लैक्टिक एसिड होता है जो त्वचा को एक्सफोलिएट करता है, वहीं शहद में एंटीबैक्टीरियल और मॉइस्चराइजिंग गुण होते हैं जो त्वचा को नरम और मुलायम बनाते हैं। आइए जानते हैं दही और शहद का फेशियल पैक लगाने के तरीके और इसके अद्भुत फायदे।
स्किन को मिलती है हेल्दी चमक: दही और शहद मिलकर त्वचा को जरूरी न्यूट्रिएंट्स देते हैं, जिससे स्किन हेल्दी और ग्लोइंग लगती है। दाग-धब्बों और झुर्रियों में राहत: ये फेस पैक चेहरे के दाग, पिंपल और हल्की झुर्रियों को कम करने में मदद करता है।
एक्ने की प्रॉब्लम कम होती है: शहद में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो पिंपल्स और एक्ने को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। स्किन को बनाता है साफ और फ्रेश: दही में मौजूद लैक्टिक एसिड स्किन को हल्के से साफ करता है और डेड स्किन हटाता है।
दही और शहद का फेस मास्क तैयार करने के लिए एक चम्मच ताजे दही में एक चम्मच शहद मिलाएं और दोनों को अच्छी तरह से मिक्स करें। तैयार मिश्रण को चेहरे पर समान रूप से लगाएं और इसे लगभग 15 से 20 मिनट तक सूखने दें ताकि इसके पोषक तत्व त्वचा में अच्छे से समा जाएं। तय समय के बाद चेहरे को गुनगुने पानी से हल्के हाथों से धो लें और तौलिए से थपथपाकर सुखाएं। इसके बाद त्वचा की नमी बनाए रखने के लिए हल्की मॉइस्चराइजिंग क्रीम या लोशन लगाना न भूलें।
दही और शहद के फेशियल के लिए सुझाव
दही और शहद का फेशियल यदि सही तरीके और नियमितता के साथ किया जाए, तो यह सूखी त्वचा के लिए एक बेहतरीन घरेलू उपाय बन सकता है। इसे सप्ताह में दो से तीन बार लगाने से त्वचा को गहराई से नमी और पोषण मिलता है, जिससे स्किन मुलायम और चमकदार बनती है। साथ ही, अपनी त्वचा के प्रकार को ध्यान में रखते हुए दही और शहद की मात्रा को संतुलित करना बेहद जरूरी है, ताकि त्वचा पर कोई जलन या एलर्जी न हो।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।