eSIM Fraud को लेकर I4C की चेतावनी
भारतीय साइबरक्राइम समन्वय केंद्र (I4C) ने हाल ही में नागरिकों को ई-सिम धोखाधड़ी के बारे में आगाह किया है। यह केंद्र भारत सरकार के गृह मंत्रालय के तहत जनवरी 2020 में स्थापित किया गया था और इसका मुख्य उद्देश्य देश में साइबर अपराधों पर कंट्रोल और संबंधित एजेंसियों के बीच समन्वय बढ़ाना है। I4C के मुताबिक, कुछ ठग अब ई-सिम का उपयोग कर लोगों के मोबाइल नंबरों को हथियाने लगे हैं और उनके बैंक खातों से पैसा निकाल रहे हैं। एक मामले में, जहां व्यक्ति ने ATM और UPI सुविधाओं को बंद कर रखा था फिर भी ठगों ने उसके बैंक खाते से 4 लाख रुपये निकाल लिए। इसलिए लोगों को इससे सतर्क रहने की जरूरत है।
साइबर ठग कैसे करते हैं eSIM Fraud?
I4C के अनुसार, ठग सबसे पहले पीड़ित को कॉल करके उनके फोन पर ई-सिम एक्टिवेशन लिंक भेजते हैं। जब कोई व्यक्ति इस लिंक पर क्लिक करता है तो उसका फिजिकल सिम ई-सिम में बदल दिया जाता है। इसके बाद फोन पर नेटवर्क सिग्नल बंद हो जाता है और सारे कॉल और OTP सीधे ई-सिम पर आने लगते हैं। इस दौरान सिर्फ ठग ही OTP और मैसेज देख पाते हैं।
ठग बैंक खाते से कैसे निकलते हैं पैसा
एक बार OTP ठग के पास पहुंच गया तो वे आसानी से बैंक ट्रांजैक्शन कर सकते हैं। I4C ने बताया कि ऐसे मामलों में, यहां तक कि ATM और UPI बंद होने के बावजूद, पैसे सीधे खाते से निकाल लिए गए हैं। यह दिखाता है कि ई-सिम धोखाधड़ी कितनी खतरनाक हो सकती है। eSIM Fraud से बचने के लिए I4C की सलाह
- I4C ने तीन आसान उपाय बताए हैं जिससे लोग इस धोखाधड़ी से बच सकते हैं।
- अनजान कॉल और लिंक से सावधान रहें।
- ई-सिम बदलवाने का अनुरोध खुद ही करें, किसी अजनबी पर भरोसा न करें।
अगर फोन नेटवर्क सिग्नल खो दे तो तुरंत अपने बैंक और टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर को सूचित करें।
सरकार की नई पहल और ब्लैकलिस्टिंग
कुछ हफ्ते पहले दूरसंचार विभाग (DoT) ने कहा कि 3 से 4 लाख SIM कार्ड्स ऐसे हैं जो वित्तीय धोखाधड़ी में इस्तेमाल हो रहे थे इसलिए उन्हें ब्लैकलिस्ट कर दिया गया। AI टूल्स रोजाना लगभग 2000 ऐसे नंबर पहचान रहे हैं जो सबसे ज्यादा जोखिम वाले माने जा रहे हैं। ये नंबर ज्यादातर निवेश या नौकरी के झूठे स्कैम में इस्तेमाल किए जा रहे थे।
हाल ही में हुई eSIM Fraud की घटनाएं
मुंबई में 4 लाख रुपये की धोखाधड़ी: मुंबई के एक व्यक्ति ने हाल ही में एक धोखाधड़ी का शिकार होकर 4 लाख रुपये गंवाए हैं। साइबर अपराधियों ने उन्हें एक फर्जी eSIM एक्टिवेशन लिंक भेजा था जिसे क्लिक करने के बाद उनका फिजिकल सिम eSIM में बदल गया। इसके बाद उनका फोन नेटवर्क से बाहर हो गया और सभी कॉल्स और OTPs उनके पास पहुंचने लगे और बैंक खाते से 4 लाख रुपये की राशि निकाल ली गई। नोएडा में 15.5 लाख की ठगी: नोएडा के एक 50 वर्षीय सॉफ्टवेयर डेवलपर जुलाई में SIM स्वैप धोखाधड़ी का शिकार हुए और 15.5 लाख रुपये गवा बैठे। ठगों ने उन्हें कॉल करके कहा कि उनका फिजिकल सिम eSIM में बदल दें। पीड़ित ने ठग द्वारा दिया गया 16 अंकों का EID कोड अपने टेलीकॉम ऐप में दर्ज कर दिया। इसके बाद उनका सिम ठगों के पास चला गया और छह बार बैंक ट्रांजैक्शन कर 15.5 लाख रुपये निकाल लिए।