डिवाइस पर मिल जाता है पूरा कंट्रोल
एक बार व्यक्ति उनकी बातों में आकर ऐप डाउनलोड कर लेता है या लिंक पर क्लिक करता है तो ठगों को उसके फोन या कंप्यूटर का लगभग पूरा कंट्रोल मिल जाता है। इसके बाद वे बैंकिंग ऐप्स, फोटो, डाक्यूमेंट्स और निजी डेटा तक पहुंच जाते हैं। कई मामलों में ठग सीधे खाते से पैसे निकाल लेते हैं या संवेदनशील जानकारी के आधार पर ब्लैकमेलिंग भी करते हैं।साइबर ठगों से ऐसे करें बचाव, जरूरी Cyber Safety Tips
गूगल सर्च पर दिखे किसी भी नंबर पर आंख मूंदकर भरोसा न करें। हमेशा बैंक, होटल या किसी भी सेवा का हेल्पलाइन नंबर केवल उनकी आधिकारिक वेबसाइट या ऐप से ही लें।अगर फंस जाएं तो क्या करें?
यदि आप साइबर ठगी का शिकार हो जाते हैं तो तुरंत नजदीकी साइबर थाने में शिकायत दर्ज करें या भारत सरकार की आधिकारिक वेबसाइट www.cybercrime.gov.in पर जाकर रिपोर्ट करें। जितनी जल्दी आप कार्रवाई करेंगे आपके पैसे और डेटा को सुरक्षित रखने की संभावना उतनी ही अधिक होगी।सावधानी ही सुरक्षा है!
डिजिटल दुनिया में सुविधा के साथ-साथ खतरे भी बढ़ गए हैं। ऐसे में जरूरी है कि हम टेक्नोलॉजी का उपयोग सोच-समझकर करें और साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक रहें। एक छोटी सी गलती बड़े साइबर ठगी में बदल सकती है।इसलिए हमेशा सतर्क रहें जागरूक बनें और दूसरों को भी जागरूक करें।