नेत्रदान में राजस्थान के दूसरे स्थान पर है ये जिला, शादी समारोहों में भी दूल्हा-दुल्हन भरते हैं देहदान का संकल्प पत्र
World Organ Donation Day: यहां तक कि अब शादी समारोहों में भी दूल्हा-दुल्हन से नेत्रदान और देहदान के संकल्प पत्र भरे जा रहे हैं, जो इस सामाजिक अभियान की सफलता का परिचायक है।
Kota News: अंगदान को लेकर कोटा में जागरूकता तेजी से बढ़ रही है। यहां अब तक 15 लोगों ने किडनी दान कर मिसाल कायम की है, जबकि नेत्रदान के क्षेत्र में कोटा प्रदेश में दूसरे स्थान पर है। शहर में अब तक 1400 जोड़ी नेत्रदान किए जा चुके हैं, जिनमें से लगभग 70% का सफलतापूर्वक प्रत्यारोपण हो चुका है।
कोटा मेडिकल कॉलेज समेत कई सामाजिक संस्थाएं स्कूल और कॉलेजों में जनजागरूकता कार्यक्रम चला रही हैं, जिससे युवाओं में अंगदान के प्रति रुचि बढ़ रही है। यहां तक कि अब शादी समारोहों में भी दूल्हा-दुल्हन से नेत्रदान और देहदान के संकल्प पत्र भरे जा रहे हैं, जो इस सामाजिक अभियान की सफलता का परिचायक है।
कोटा मेडिकल कॉलेज के नेफ्रॉलोजी विभागाध्यक्ष डॉ. विकास खण्डेलिया ने बताया कि कोटा मेडिकल कॉलेज में किडनी ट्रांसप्लांट विंग बनी है। यहां 11 मई 2022 को कोटा में पहला किडनी ट्रांसप्लांट किया गया था। बूंदी जिले के नैनवां के गुमानसिंह को उनकी मां ने किडनी दान की थी। तब से लेकर अब तक कोटा के अस्पतालों में कुल 20 सफल किडनी ट्रांसप्लांट हो चुके हैं। इस सफलता के पीछे महिलाओं की भूमिका भी सराहनीय रही है, जो किडनी दान में सबसे आगे हैं।
सबसे खास बात यह है कि अपनों व पराए को बचाने के लिए अंगदान कर मिसाल की पेश की है। किसी ने मां को तो किसी ने बेटे, पिता व अन्य परिजनों को किडनी दान कर उनका जीवन बचाया। अस्पताल में मरीजों को दवाइयां और जांच मुत उपलब्ध कराई जाती हैं। साथ ही आईसीयू में संक्रमण मुक्त वातावरण बनाया गया है, जिससे मरीजों की रिकवरी बेहतर होती है।
अंगदान के इस नेक कार्य के लिए कोटा की सामाजिक और चिकित्सा संस्थाएं लगातार प्रयासरत हैं, ताकि और अधिक जीवन बचाए जा सकें और समाज में जागरूकता फैल सके। यह प्रगति कोटा को प्रदेश में अंगदान के क्षेत्र में अग्रणी बनाती है और आने वाले समय में इस संया में और बढ़ोतरी की उमीद जताई जा रही है।
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