शैक्षणिक नगरी कोटा में रक्षाबंधन के त्योहार से पहले ही ट्रेनों में टिकटों के लिए मारामारी मच गई है। लंबी दूरी की कई ट्रेनों में तो नो रूम की स्थिति है। कई ट्रेनों में लंबी वेटिंग लिस्ट है। ऐसे में भाई-बहन के त्योहार के बीच ट्रेनों का रिजर्वेशन परेशानी बन गया है।
कोटा में कोटावासियों के अलावा देश भर से लाखों की संया में स्टूडेंट पढ़ने आते है। ऐसे में यहां त्योहारों और छुट्टियों में अपने बच्चों से मिलने उनके अभिभावक और परिजन आते हैं। इसके अलावा स्टूडेंट भी उनके घर जाते हैं। इसके चलते ट्रेनों में खास दिनों में रिजर्वेशन को लेकर भारी मारामारी रहती है। कोटा में अभी तक हवाई सेवा नहीं होने के कारण लंबी दूरी के लिए ट्रेन ही सबसे बड़ा विकल्प है।
ऐसे में त्योहार और छुटिट्यों में स्टूडेंट और उनके अभिभावकों काफी पहले और खास प्लानिंग करनी पड़ती है। इस प्लानिंग से चुकने पर रिजर्वेशन करना टेढ़ी खीर हो जाता है। ऐसे में कई स्टूडेंट और उनके परिजन जयपुर और उदयपुर से हवाई सेवा का विकल्प चुनने को मजबूर हैं।
स्लीपर और थर्ड एसी के लिए ज्यादा मारामारी
कोटा से चलने वाली और कोटा होकर गुजरने वाली लंबी दूरियों की ट्रेनों में एसी और स्लीपर कोच में नो रूप की स्थिति है। इनमें भी सबसे अधिक मारामारी स्लीपर कोच ओर थर्ड एसी के टिकट के लिए है।
यहां जाने के लिए नहीं मिल रहे टिकट
कोटा से उत्तर प्रदेश व बिहार जाने वाली ट्रेनों में सबसे अधिक मारामारी है। इसके अलावा पुणे जाने के लिए भी ट्रेनों में नो रूम की स्थिति है। ऐसे में यात्री टिकट बुकिंग के लिए एजेंटों के चक्कर लगा रहे हैं। इसके अलावा दिल्ली समेत अन्य लंबी दूरी के मार्गों पर भी रिजर्वेशन नहीं मिल रहे हैं।
स्पेशल ट्रेनें चले तो मिले राहत
कोटा में रक्षाबंधन के त्योहार के चलते यात्रियों को सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए स्पेशल ट्रेनें संचालित करने की आवश्यकता है। कोटा से उत्तर प्रदेश, पुणे, दिल्ली के लिए स्पेशल ट्रेनों के संचालन की जरूरत है।
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