गेट खा गए जंग, पानी का रिसाव
चम्बल नदी पर राजस्थान और मध्यप्रदेश में चार बड़े बांध बने हुए हैं। इनमें गांधी सागर बांध का रिनोवेशन का काम मध्यप्रदेश सरकार के माध्यम से होगा तथा राजस्थान की सीमा में बने राणा प्रताप सागर बांध, जवाहर सागर बांध और कोटा बैराज के रिनोवेशन का काम राजस्थान सरकार के माध्यम से होगा। बांध बनने के बाद तीनों बांधों के गेटों की मरम्मत नहीं हुई है। गेट जंग खा गए। गेटों से पानी का रिसाव हो रहा है। मिट्टी जमने के कारण स्लूज गेट खुल नहीं पा रहे। सभी बांधों को स्काडा सिस्टम से जोड़ा जाएगा, ताकि जल आवक के पल-पल के आंकड़े ऑटोमेटिक मिल जाएंगे।
स्लूज गेट जर्जर, हो रहा रिसाव
आरपीएस डेम के 4 स्लूज गेट हैं। इन गेटों को खुले 38 साल हो गए। इन गेटों में भी जंग लग गया। जर्जर हो गए और पानी का लगातार रिसाव जारी है। मरम्मत नहीं होने पर अब बांध की सुरक्षा को लेकर बड़ा खतरा खड़ा हो गया है। प्रशासन की उपेक्षा के चलते बांध से पानी का रिसाव लगातार हो रहा है।राणा प्रताप सागर बांध की फैक्ट फाइल
1970 में राणा प्रताप सागर बांध का निर्माण17 बड़े गेट, 4 स्लूज गेट
6.50 लाख क्यूसेक जल निकासी की क्षमता
1157.50 फीट कुल भराव क्षमता
5.50 लाख हैक्टेयर में चम्बल के बांधों से राजस्थान-मध्यप्रदेश की भूमि होती है सिंचित