यह ट्रेंड उच्च शिक्षा नीति और विज्ञान क्षेत्र की दिशा को लेकर चिंता का विषय बन गया है। आइआइटी दिल्ली का प्रतिष्ठित बीएस इन कैमिस्ट्री पाठ्यक्रम सीआरएल (कॉमन रैंक लिस्ट) 6267 पर शुरू हुआ। जिसका मतलब यह है कि जेईई एडवांस्ड 2025 के टॉप 6000 रैंकर्स ने इस कोर्स को पूरी तरह नकार दिया। इसी प्रकार आइआइटी कानपुर का बीएस इन फिजिक्स पाठ्यक्रम भी सीआरएल 3255 पर शुरू हुआ यानि टॉप 3254 रैंकर्स ने उसे प्राथमिकता नहीं दी।
बीएस पाठ्यक्रमों की ओपनिंग-क्लोजिंग रैंक (राउंड-6, जेंडर न्यूट्रल, ओपन कैटेगरी) संस्थान पाठ्यक्रम ओपनिंग रैंक क्लोजिंग रैंक आइआइटी बॉम्बे बीएस-कैमिस्ट्री 3133 7228 बीएस -मैथमेटिक्स 753 1067 आइआइटी दिल्ली बीएस कैमिस्ट्री 6267 8528
आइआइटी कानपुर बीएस-केमिस्ट्री 8553 10482 बीएस-फिजिक्स 3255 5691 आइआइटी-मद्रास बीएस-फिजिक्स 1642 3804 बीएस-बायोलॉजिकल साइंस 3268 10290 आइआइटी -खड़गपुर बीएस-केमिस्ट्री 11214 12321 बीएस-फिजिक्स 7367 10939 आइआइटी-जोधपुर बीएस-स्पेशलाइजेशन इन केमिस्ट्री 14939 18310 आइआइटी बॉम्बे के बीएस मैथमेटिक्स का दबदबा
एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा के अनुसार, जहां अन्य बेसिक साइंस कोर्सेज में रुचि गिर रही है। वहीं आइआइटी बॉम्बे का बीएस इन मैथमेटिक्स पाठ्यक्रम छात्रों में अत्यधिक लोकप्रिय रहा। यह कोर्स सीआरएल 753 पर शुरू होकर 1067 पर समाप्त हुआ। इस रुझान का प्रमुख कारण इस कोर्स की कंप्यूटर साइंस, डाटा मैनेजमेंट और एनालिटिक्स में उपयोगिता है, जिससे छात्रों को उच्च वेतन पैकेज और अंतरराष्ट्रीय अवसर प्राप्त होते हैं।
क्यों घट रही है विज्ञान में रुचि? कॅरियर अनिश्चितता: बेसिक साइंस कोर्सेज में स्नातक के बाद स्थिर कॅरियर की स्पष्टता नहीं है। रिसर्च में देरी: शोध आधारित कॅरियर लंबा और अनिश्चित माना जाता है।
कॉर्पोरेट पैकेज का आकर्षण: कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग स्ट्रीम में प्रारंभिक पैकेज अधिक होते हैं।