Kota: अराफात समूह ने चोरी छुपे बेच दी JK फैक्ट्री की 387 करोड़ रुपए की मशीनरी, निदेशक मोहम्मद्दीन उमर समेत 3 के खिलाफ मामला दर्ज
Kota Development Authority Big Action: निदेशकों और कंपनी के अधिकारियों ने जेके फैक्टरी की मशीनरी को चोरी छुपे बेचकर खुर्द-बुर्द कर दिया है। कंपनी प्रबंधन के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता, 2023 की प्रकरण दर्ज कर लिया है।
Arafat Group Sold Kota JK Factory Machinery: कोटा विकास प्राधिकरण (केडीए) की ओर से मैसर्स अराफात पेट्रो कैमिकल प्राइवेट लिमिटेड (जेके फैक्टरी) की सम्पत्तियों पर कब्जा करने के दूसरे दिन अराफात के तीन निदेशकों के खिलाफ 387 करोड की मशनीरी को खुर्द-बुर्द करने के आरोप में मामला दर्ज हुआ है। उद्योग नगर थानाधिकारी जितेन्द्र सिंह ने बताया कि अराफात कंपनी के निदेशक मोहम्मद्दीन मोहम्मद उमर जनरल, मोहम्मद यूसुफ मोहम्मद सफी लिलिमवाला तथा मोहम्मद जुनैद निवासी गुजरात के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की है।
फरियादी इंद्रमल जैन ने बुधवार शाम थाने में एफआईआर दर्ज करवाई कि मैसर्स जेके सिंथेटिक्स लिमिटेड, कोटा (जेके फैक्टरी) के बंद होने के बाद विभिन्न विवादों के बाद औद्योगिक और वित्तीय पुनर्रचना अपीलीय न्यायाधिकरण के 7 जनवरी 2005 के आदेश के अनुसार स्वीकृत योजना में मैसर्स जेके सिंथेटिक्स लिमिटेड की 427 करोड़ की बेशकीमती भूमि, प्लांट एवं मशीनरी तथा अन्य सपत्तियों को इस आधार पर अराफात को हस्तांतरित करने की स्वीकृति दी गई थी। इसमें यह था कि अराफात की ओर से 55-60 करोड रुपए सेटलमेंट राशि के रूप में दिए जाएंगे। जिस राशि में से 43.69 करोड रुपए फैक्टरी में कार्यरत श्रमिकों एवं कर्मचारियों को भुगतान किया जाएगा एवं 15 करोड जेके सिंथेटिक्स लिमिटेड के दायित्वों का भुगतान किया जाएगा।
एफआईआर के अनुसार जेके सिंथेटिक्स लिमिटेड एवं अराफात की ओर से ज्वॉइंट वेंचर बनाया जाना था, इसके तहत कोटा में जेके यूनिट की सभी फैक्टरियों को संचालित किया जाना था। इस प्रकार अराफात को जेके फैक्टरी की भूमि, भवन तथा प्लांट एवं मशीनरी तथा अन्य सपत्तियां उद्योग को चलाने तथा रोजगार के लिए दी गई थी, लेकिन 24 जून 2025 को सरकार की ओर से अराफात को हस्तान्तरित भूमि का कब्जे लेने के बाद यह जानकारी में आया है कि अराफात समूह की हस्तान्तरित भूमि एवं भवन तो उपलब्ध है, लेकिन निदेशकों और कंपनी के अधिकारियों ने जेके फैक्टरी की मशीनरी को चोरी छुपे बेचकर खुर्द-बुर्द कर दिया है।
स्वीकृत स्कीम में प्लांट एवं मशीनरी का मूल्य लगभग 387 करोड रुपए था। अराफात प्रबंधकों व कंपनी के अधिकारियों ने धोखाधड़ी करके फैक्टरियों के पुनर्संचालन के लिए प्राप्त लगभग 387 करोड़ रुपए के प्लांट एवं मशीनरी को बेच दिया है। कंपनी प्रबंधन के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता, 2023 की प्रकरण दर्ज कर लिया है।