बताया जाता है कि ग्राम पंचायत चुईया अंतर्गत ग्राम भटगांव की रहने वाली महिला मंगई बाई को प्रसव पीड़ा होने पर अजगरबहार के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में लाया गया था। वहां मौजूद स्वास्थ्य कर्मी भुनेश्वरी चंद्रवंशी ने महिला की नार्मल डिलिवरी कराई। देर रात तक जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ थे। इसके बाद दोनों की तबीयत बिगड़ गई। दोपहर लगभग ढाई बजे जच्चा-बच्चा दोनों की मौत हो गई।
बताया जाता है कि जिस समय यह घटना हुई उस समय अस्पताल प्रभारी विमलेश्वरी अनुपस्थित थी। परिवार का कहना है कि जच्चा-बच्चा को रेफर किया गया होता तो यह घटना नहीं हुई होती।
पति का आरोप, अकेली नर्स ने किया इलाज
मृतका के पति अमर सिंह पहाड़ी कोरवा का कहना है “अजगरबहार के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक अकेली नर्स मौजूद थी। बच्चा जब पैदा हुआ तब ठीक था। इसके बाद पत्नी को बोतल चढ़ाकर इंजेक्शन लगाया गया। उसकी स्थिति तब ठीक थी, पैदा होने के बाद बच्चे की मौत हो गई और इसके बाद कहा गया की पत्नी को
कोरबा ले जाना पड़ेगा। रेफर करने की तैयारी कर रहे थे कि इसी बीच पत्नी की भी मौत हो गई। पत्नी 11 साल बाद गर्भवती हुई थी।”
रेफर होने से पहले ही दम तोड़ चुकी थी महिला
अस्पताल में ही प्रसव हुआ, लेकिन रक्तचाप बढ़ने और एकलेशिया के कारण महिला को झटके आ रहे थे। बेहतर इलाज के लिए संजीवनी 108 को बुलाया गया, लेकिन महिला अस्पताल रेफर होने से पहले ही दम तोड़ चुकी थीं।