मामला कोरबा शहर का है। सिविल लाइन थाना क्षेत्र में रहने वाली एक युवती घर में अकेली थी। इसी बीच जुलाई 2016 में कमल किशोर राठौर नाम का युवक उसके घर में घुस गया। लड़की के मुंह को दबाते हुए जान से मारने की धमकी दिया और उसके साथ जबरजस्ती संबंध बनाया। लड़की जब थाने में जाकर शिकायत करने को तैयार हुई तो कमल किशोर ने यह कहते हुए उसे रोक लिया कि वह उससे शादी करेगा।
लड़की कमल की बातों में आ गई और उसने मामले की शिकायत घटना के तत्काल बाद पुलिस से नहीं की। जुलाई 2016 से लेकर अगस्त 2016 तक कमल ने कई बार उसके साथ संबंधित स्थापित किया। लड़की द्वारा बार-बार ब्याह रचाने के लिए कहने पर कमल कुछ दिनों तक टालता रहा फिर वह लड़की को लेकर महामाया मंदिर गया।
मंदिर में जयमाला….
मंदिर में कमल किशोर ने लड़की को जयमाला पहनाया और 29 अगस्त 2016 को कमल किशोर लड़की को लेकर कटघोरा तहसील न्यायालय पहुंचा। वहां उसने शपथ पत्र पर लड़की के साथ ब्याह रचाने के लिए नोटरी के समक्ष हस्ताक्षर किया। लड़की ने जब कमल को अपने साथ घर ले जाने के लिए कहा तो वह फिर आजकल की बात कहकर टालता रहा। लेकिन लड़की को लेकर अपने घर नहीं गया। बल्कि लड़की के घर में ही रहने लगा। लड़की
कोरबा में अकेली रहती थी। साथ रहने के दौरान ही कमल ने लड़की का भरोसा जीता और लड़की के नाम उरगा में स्थित मकान को अपने नाम करा लिया। नॉमिनी के रूप में कमल किशोर ने अपने पिता का नाम जुड़वा लिया और लड़की के नाम को नहीं रखा। इसे लेकर दोनों के बीच मतभेद हो गया तब कमल किशोर ने लड़की को अपने साथ रखने से इनकार कर दिया और उससे अलग हो गया।
लड़की से शादी करने से इनकार कर दिया। इसी बीच लड़की सिविल लाइन थाना पहुंची और उसने कमल किशोर के खिलाफ लिखित में शिकायत दर्ज कराया, लेकिन पुलिस ने यह कहते हुए कार्रवाई से इनकार कर दिया कि यह मामला आपसी लेनदेन का है। तब लड़की ने इस मामले की शिकायत कोरबा पुलिस अधीक्षक से की। पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर कमल किशोर के खिलाफ सिविल लाइन थाना में दुष्कर्म का केस दर्ज किया गया। पुलिस ने मामले की जांच की। कोर्ट ने इस मामले की पैरवी अतिरिक्त लोक अभियोजक मोहन सोनी ने की।
कोर्ट ने दिया युवक को दोषी करार
सिविल लाइन पुलिस ने केस दर्ज कर मामले का जांच किया। आरोपी के विरूद्ध चार्जशीट कोर्ट में पेश किया गया। मामले की सुनवाई कोरबा के अपर सत्र न्यायालय (फास्टट्रैक कोर्ट) में चल रही थी। न्यायाधीश सीमा प्रताप चंद्रा की अदालत में कमल किशोर राठौर को लड़की से दुष्कर्म का दोषी ठहराया। यह माना कि विवाह का झूठा आश्वासन कमल किशोर की ओर से दिया गया है जबकि उसकी मंशा प्रारंभ से ही विवाह करने की नहीं थी। बावजूद उसने लड़की को भरोसे में लिए और उसने एक से अधिक बार संबंध स्थापित किया। कोर्ट ने कमल किशोर राठौर को 10 साल की सश्रम कारावास की सजा से दंडित किया है।
दोषी को भेजा गया जेल
कोर्ट का फैसला आने के बाद पुलिस ने दोषी कमल किशोर राठौर को गिरफ्तार कर लिया। उसे सजा काटने के लिए जेल भेज दिया गया। अभियोजन पक्ष ने बताया कि इस घटना को लेकर पुलिस ने अपराध क्रमांक 593/2024 पर मुकदमा दर्ज किया था।