दोनों को रायपुर के कालड़ा हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां करीब आठ दिनों तक इलाज चलने के बाद 15 अगस्त की सुबह सुरेंद्र साहू ने दम तोड़ दिया। पोस्टमार्टम के बाद शव को रायपुर से कोरबा लाया गया। हादसे की जांच में कंपनी की गंभीर लापरवाही सामने आई है। घायल इंजीनियर का इलाज अभी जारी है।
CSEB कोरबा पश्चिम के एचटीपीपी
प्लांट में हुए हादसे को लेकर प्रबंधन की बड़ी लापरवाही सामने आई है। प्लांट का संचालन जीमैक्स कंपनी कर रही थी, जिसे क्लीनिंग और टाइटनेस का काम ठेके पर दिया गया था। मेंटेनेंस कार्य में लापरवाही के चलते ठेका कर्मी सुरेंद्र साहू और इंजीनियर आकाश कुजूर करंट की चपेट में आ गए, जिनमें से सुरेंद्र साहू की मौत हो गई। हादसे के बाद कंपनी और प्रबंधन पर खानापूर्ति के आरोप लगे।
CG News: मृतक के परिजनों और स्थानीय लोगों ने आक्रोश जताते हुए मुआवजे और नौकरी की मांग की तथा चेतावनी दी कि यदि मांगें पूरी नहीं की गईं तो थाना घेराव कर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। हालात को देखते हुए ठेका कंपनी और CSEB प्रबंधन ने मृतक के परिजनों को 12 लाख रुपये मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की घोषणा की, जिसके बाद मामला शांत हुआ।