खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की ओर से शुरू किए गए गिपअप अभियान के तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ उठा रहे सक्षम व्यक्तियों को स्वेच्छा से नाम हटवाने के लिए कहा गया। साथ ही अभियान के तहत सक्षम व्यक्तियों (परिवार) द्वारा नाम नहीं हटवाने पर विभाग की ओर से कार्रवाई की चेतावनी दी गई। अभियान का उद्देश्य अपात्र व्यक्तियों को चिन्हित कर योजना का लाभ सभी पात्र व्यक्तियों तक पहुंचाना है।
अभियान के तहत आयकरदाता, चौपहिया वाहनधारक अपना नाम योजना से पृथक करा सकते हैं। पहले अभियान की तिथि 31 मार्च निर्धारित थी, जो अब 31 मई तक बढ़ाई हुई है। सूत्र बताते हैं कि इस अवधि तक नाम नहीं हटवाने वाले अपात्र अथवा सक्षम व्यक्तियों के खिलाफ उनके द्वारा लिए गए खाद्यान्न की बाजार दर से वसूली की जाएगी।
जिले में राशन कार्ड का आंकड़ा
जिले में वर्तमान में सभी श्रेणी के कुल 4 लाख 42 हजार 185 राशनकार्डधारी परिवार हैं। जिनमें कुल 18 लाख 30 हजार से अधिक यूनिट (सदस्य) हैं, जबकि जिले में खाद्य सुरक्षा योजना के तहत कुल 2 लाख 6 हजार 521 राशनकार्ड बने हुए हैं। इनमें कुल 9 लाख 41 हजार 468 सदस्य शामिल हैं, जो योजना का लाभ उठा रहे हैं।
1560 ने सौंपे प्रार्थना पत्र
गिवअप अभियान के अन्तर्गत कार्रवाई के डर से अब तक 1560 परिवारों ने योजना से नाम हटवाने के लिए विभाग को प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किए हैं। इन 1560 राशन कार्ड में कुल 7608 सदस्य शामिल हैं। जिला रसद अधिकारी कार्यालय की ओर इन सभी को योजना से निष्कासित किया है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार 1 नवम्बर 2024 से अब तक खाद्य सुरक्षा योजना से करीब 96 हजार 700 से अधिक अपात्र व्यक्तियों को बाहर किया गया है। गिवअप अभियान के अलावा सूची में नाम हटाए जाने वालों में वे सदस्य शामिल हैं, जो जिले से बाहर चले गए, शादी हो चुकी या जिनकी मृत्यु हो चुकी है आदि हैं। वहीं दूसरी ओर 26 जनवरी 2025 से पोर्टल खुलने के बाद से पात्र और वंचित लाभार्थियों को भी जोड़ा जा रहा है। अब तक 59 हजार 619 से नए नाम योजना में शामिल किए गए हैं।
इनका कहना है
अपात्र लोगों को योजना से हटाने के लिए विभाग की ओर से गिव अप अभियान चलाया जा रहा है। यह अभियान 31 मई तक चलेगा, जिसमें सक्षम परिवार स्वेच्छा से योजना का त्याग कर सकते हैं। निर्धारित तिथि तक नाम नहीं हटवाने पर ऐसे सक्षम लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वैसे 1 नवम्बर से अब तक जिले में 96 हजार से अधिक अपात्र व्यक्तियों को सूची से बाहर किया है। –
हितेश मीना, जिला रसद अधिकारी, करौली