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कानपुर

बिकरू कांड के पांच साल: कुख्यात हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे का आलीशान मकान बना खंडहर

Bikru incident complete five years कानपुर में बिकरु कांड के 5 साल पूरे हो गए। अभी भी गांव में ग्रामीण के लिए नरसंहार की घटना की यादें ताजा है। घटना में डिप्टी एसपी सहित 8 पुलिसकर्मी की हत्या कर दी गई थी।

कानपुरJul 02, 2025 / 02:21 pm

Narendra Awasthi

विकास दुबे की फाइल फोटो (फोटो सोर्स- वीडियो ग्रैब)

फोटो सोर्स- वीडियो ग्रैब

Bikru incident complete five years कानपुर का बिकरु गांव में आज से 5 साल पहले डिप्टी एसपी सहित 8 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी गई थी। ‌विकास दुबे के नाम से कुख्यात हिस्ट्रीशीटर और उसके गुर्गों ने घटना को अंजाम दिया था। इसके बाद पुलिस कार्रवाई में हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के कोठीनुमा घर को जमींदोज कर दिया गया था। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में पांच कुख्यात अपराधियों का एनकाउंटर हुआ था। जिम विकास दुबे भी शामिल था। 5 साल बीत जाने के बाद आज भी घटना का असर दिखाई पड़ रहा है। जब कई घरों में अभी भी ताला लटक रहा है। वही गोलियों के निशान अभी भी गवाही दे रहे हैं। घटना के बाद से जिस गांव में पुलिस नहीं घुसती थी।‌ आज वहां छोटी मोटी घटनाओं में भी पुलिस कहना जाना बना रहता है। ‌अभी भी विकास दुबे की नाम की दहशत बनी है। घटना के विषय में बोलने से ग्रामीण बच रहे हैं।
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उत्तर प्रदेश की कानपुर के बिकरु गांव में डिप्टी एसपी देवेंद्र मिश्रा के नेतृत्व में पुलिस दबिश देने गई थी। जिसकी जानकारी हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे और उसके गुर्गों तक पहुंच गई। इसके पहले कि कोई कार्रवाई होती विकास दुबे और उसके गुर्गों ने पुलिस टीम पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। हमला इतना जबरदस्त था कि पुलिस को संभालना तो दूर भगाने का भी मौका नहीं मिला। कुख्यात बदमाशों के हमले में आठ पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी। जिसमें डिप्टी एसपी देवेंद्र दुबे, शिवराजपुर थाना प्रभारी महेश चंद्र यादव, चौकी प्रभारी मंधाना अनूप कुमार, सब इंस्पेक्टर नेबू लाल, सिपाही सुल्तान, बबलू, जितेंद्र, राहुल की मौत हो गई थी।

कुख्यात अपराधियों का हुआ एनकाउंटर

पुलिस की जवाबी कार्रवाई में अतुल दुबे, प्रवीण दुबे, अमर दुबे, विकास दुबे, प्रभात मिश्रा, प्रेम कुमार को एनकाउंटर में मार गिराया गया। जिसमें गिरोह के सरगना हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को उज्जैन से गिरफ्तार किया गया था।

2 जुलाई 2020 की घटना

अभी भी 2 जुलाई 2020 की घटना की दहशत लोगों के दिलों में बैठी है। कोई भी मुंह खोलने को तैयार नहीं है। डिप्टी एसपी देवेंद्र मिश्रा बचने के लिए गोविंद के घर में घुस गए। लेकिन विकास दुबे के गुर्गे उनका पीछा कर रहे थे। यहां से निकलकर प्रेम के घर में घुस गए। जहां उनको गोली मारी गई। कानपुर लाते समय रास्ते में हुई मुठभेड़ में विकास दुबे ढेर हो गया। ‌ग्रामीणों के अनुसार अभी भी गांव के करीब 15 आरोपी जेल में हैं।

उज्जैन से गिरफ्तार किया गया था विकास दुबे को

दिलदहला देने वाली घटना के बाद विकास दुबे के आलीशान मकान को गिरा दिया गया। आज भी मकान टूटा-फूटा पड़ा है। महंगी आइटम तितर-बितर पड़े हैं। सामान इधर-उधर बिखरा पड़ा है कोई नजदीक नहीं जाता है। विकास दुबे को 9 जुलाई 2020 को मध्य प्रदेश के उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर से गिरफ्तार किया गया था। वहां से कानपुर लाते समय भौंती के पास विकास दुबे की गाड़ी पलट गई। इस दौरान उसने भागने की कोशिश की। जिसे पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया।

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