scriptRajasthan High Court: ‘जल्दबाजी में किया गया न्याय भी, कभी अन्याय हो सकता है’, जानिए हाईकोर्ट ने किस मामले में ऐसा कहा | Rajasthan High Court Justice done in haste can also be unjust sometimes know in which case High Court said this | Patrika News
जोधपुर

Rajasthan High Court: ‘जल्दबाजी में किया गया न्याय भी, कभी अन्याय हो सकता है’, जानिए हाईकोर्ट ने किस मामले में ऐसा कहा

Court News: राजस्थान हाईकोर्ट ने एक मामले में सुनवाई करते हुए कहा, जल्दबाजी में किया गया न्याय भी कभी अन्याय हो सकता है। कोर्ट ने कहा कि यदि पर्याप्त साक्ष्य नहीं जुटाए गए तो सही निर्णय देना मुश्किल हो सकता है।

जोधपुरJun 07, 2025 / 02:17 pm

Arvind Rao

Rajasthan High Court

राजस्थान हाईकोर्ट (फोटो पत्रिका नेटवर्क)

Rajasthan High Court: राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा कि जहां देर से न्याय मिलना अन्याय है, वहीं जल्दबाजी में किया गया न्याय भी कभी अन्याय हो सकता है। कोर्ट ने यह टिप्पणी कर एक किराएदारी विवाद में जवाबदाता को पांच हजार की कॉस्ट जमा करवाने पर साक्ष्य पेश करने का अंतिम अवसर प्रदान किया।

न्यायाधीश अरुण मोंगा की एकलपीठ में सिरोही के वराडा गांव में स्थित एक दुकान को लेकर चल रहे दीवानी वाद से जुड़े मामले की सुनवाई हुई। दुकान के मालिक कुंदनमल ने महिपाल सिंह के खिलाफ किराया नहीं देने और दुकान खाली नहीं करने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दायर किया था। दूसरी ओर, महिपाल ने कुंदनमल के मालिकाना हक को नकारते हुए कहा कि दुकान उसने बनाई है और वह पिछले 12 वर्ष से काबिज है।
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कोर्ट ने देरी का हवाला दिया


वाद के दौरान जवाबदाता पंचायत अधिकारी को गवाही के लिए बुलाना चाहता था। लेकिन कोर्ट ने देरी का हवाला देते हुए साक्ष्य बंद कर दिए। पीठ ने माना कि मौका देने से कार्रवाई में देर होती, लेकिन इसे लागत लगाकर संतुलित किया जा सकता था। कोर्ट ने कहा कि यदि पर्याप्त साक्ष्य नहीं जुटाए गए तो सही निर्णय देना मुश्किल हो सकता है।

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