राजस्थान के जोधपुर के महामंदिर थानान्तर्गत पावटा के मानजी का हत्था में एसआइ भर्ती की तैयारी कर रही छात्रा के गोली लगने के मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। छात्रा की कोहनी में जो गोली लगी थी, वो 7.62 एमएम कारतूस था। जो सुरक्षा एजेंसियों के काम आने वाली सेल्फ लोडिंग राइफल (एसएलआर) में प्रयुक्त होता है और आमजन के लिए इसका इस्तेमाल वर्जित है।
फिलहाल यह पता नहीं लग पाया है कि गोली किसी ने चलाई थी या दुर्घटनावश फायर हुआ था। पुलिस के अनुसार गत 13 अगस्त शाम को मानजी का हत्था में एक दुकान के बाहर किसी ने गोली चला दी थी, जो वहां खड़ी एक कार के बोनट पर लगने के बाद उछलकर पास खड़ी रेणू बिश्नोई की कोहनी में लग गई थी। गोली हड्डी में फंस गई थी।
7.62 एमएम का निकला कारतूस
मथुरादास माथुर अस्पताल में सर्जरी के बाद गोली निकाली गई थी, जिसे पुलिस ने कब्जे में ली थी। जांच में यह कारतूस 7.62 एमएम का निकला। जो एसएलएआर हथियार में प्रयुक्त होता है। एसएलआर हथियार सिर्फ सरकार की सुरक्षा एजेंसियों के पास ही है। अन्य के लिए यह हथियार वर्जित है। पुलिस का मानना है कि एसएलआर से गोली चलाई गई थी अथवा सेना के जवान से दुर्घटनावश चली है।
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संदिग्धों से पूछताछ कर रही पुलिस
पुलिस ने वारदातस्थल पर लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज देखे हैं। छात्रा के अचानक गोली लगने और उसे अस्पताल ले जाने की पुष्टि होती है, लेकिन गोली किसने चलाई और कहां से आई से यह पता नहीं लग पाया है। कैमरे में आए कुछ युवकों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई, लेकिन अभी तक गोली चलाने का पता नहीं लग सका है।
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