कुड़ी हाउसिंग बोर्ड की घटना
नगर निगम और कुड़ी हाउसिंग बोर्ड की लापरवाही का एक उदाहरण एक फिर सामने आया। सीवरलाइन में रिसाव होने से कुड़ी हाउसिंग बोर्ड के स्वामित्व वाली कुड़ी हाउसिंग बोर्ड के सेक्टर दो से सांगरिया की ओर से जाने वाली सड़क धंस गई। सड़क के रख-रखाव की जिम्मेदारी हाउसिंग बोर्ड की है। अचानक सड़क धंसने से यहां पर करीब 10 फीट के करीब गहरा गड्ढा हो गया।सबक नहीं लिया
नगर निगम और पीडब्ल्यूडी की निर्मित सड़कें पिछले तीन साल में कहीं न कहीं से निरंतर धंसती जा रही है। इसके बाद भी महज दिखावटी कार्रवाई करते हुए विभाग इन्हें खानापूर्ति के हिसाब से ठीक करवाते हैं और कुछ समय बाद ये सड़कें फिर से धंसती है। बात करें पिछले तीन साल की तो ऐसी कई घटनाएं हुईं, जिसमें सड़क धंसने से लोग या उनके वाहन क्षतिग्रस्त हुए। इसमें से कई लोगों ने तो बकायदा विभागों पर मुकदमे भी दर्ज करवाए, लेकिन दोषी अधिकारियों के खिलाफ हुआ कुछ भी नहीं। प्रशासन की ओर से दोषी अधिकारियों को महज नोटिस देकर ही खानापूर्ति की गई।निर्देश के अनुसार कार्रवाई करेंगे
हाउसिंग बोर्ड के एक्सईएन अनिल व्यास ने बताया कि सड़क सीवर ट्रंक लाइन के कारण क्षतिग्रस्त होने से धंसी है। ट्रंक लाइन की मरम्मत होने के बाद जो भी निर्देश मिलेंगे उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी। इस बारे में निगम आयुक्त सिद्धार्थ पालानीचामी से बात करने की कोशिश की गई। उन्हें इस संबंध में मैसेज भी किया गया, लेकिन निगम आयुक्त से संपर्क नहीं हो सका।पहले भी हो चुके हादसे
नवदुर्गा नगरतीन वर्ष पूर्व झालामंड के पास नवदुर्गा नगर के समीप एक पॉइंट पर सीवरेज लाइन चेक करने के लिए सड़क किनारे टैंकर खड़ा किया था। अचानक सड़क धंस गई। देखते ही देखते बड़ा गड्ढा हो गया। हालांकि समय रहते गाड़ी को हाइड्रो की मदद से गड्ढे से बाहर निकाल लिया गया।
24 सितंबर, 2022 को भगत कोठी स्टेशन रोड पर झालामंड से आ रहे स्कूटी सवार बुजुर्ग सड़क धंसने से गड्ढे में गिर गया था। उन्होंने निगम और पीडब्ल्यूडी के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज करवाया था। इस घटना के बाद भगत की कोठी स्टेशन के बाहर 600 मिमी की 120 फीट लंबी धंसी सीवर ट्रंकलाइन को 18 नए पाइप लगाकर ठीक कर दिया।
स्कूल बस सड़क में 4 फीट तक धंस गई थी। हाइड्रोलिक क्रेन की मदद से बस को निकाला गया। हादसे के समय बस में ड्राइवर के अलावा 2 बच्चे थे। इस घटना के ठीक 5 घंटे बाद इस गड्ढे में एक सिटी बस भी फंस गई। कड़ी मशक्कत के बाद ड्राइवर ने बस को निकाल लिया।