वर्दी को सीने से लगाकर वीरांगना बोलीं, आई लव यू…प्लीज एक बार उठ जाओ, बेटी ने कहा-मैं लूंगी बदला
बस एक बार चेहरा दिखा दो। मैं खुद को कंट्रोल कर लूंगी। आसुओं के सैलाब के बीच वीरांगना सीमा ने जब शहीद सुरेन्द्र मोगा की पार्थिव देह के लिपटे रूंधे गले से बोला ‘उठ जा यार, प्लीज एक बार उठ जा…फिर सैल्यूट करके बोली जय हिंद…तो वहां मौजूद हर किसी की आंखें नम हो गई।
शहीद पति की वर्दी व टोपी को सीने से लगाती वीरांगना।
झुंझुनूं। बस एक बार चेहरा दिखा दो। मैं खुद को कंट्रोल कर लूंगी। आसुओं के सैलाब के बीच वीरांगना सीमा ने जब शहीद सुरेन्द्र मोगा की पार्थिव देह के लिपटे रूंधे गले से बोला ‘उठ जा यार, प्लीज एक बार उठ जाओ…फिर सैल्यूट करके बोली जय हिंद…तो वहां मौजूद हर किसी की आंखें नम हो गई। नौ साल की बेटी वृतिका पिता की देह देखते ही सुधबुध खो बैठी। उसने कहा कि वह अपने पिता का बदला दुश्मन से लेगी। फिर हाथ उठा कर कहा ‘जय हिन्द।’
नौ साल का मासूम बेटा दक्ष अपनों को रोता देखकर बिलखता रहा। वहीं मां नानू देवी कहती रही मुझे छोड़कर कहां गया मेरे लाल… अब इस नए मकान में कौन रहेगा…। जिले के मंडावा उपखंड के मेहरादासी गांव में शहीद सुरेन्द्र मोगा की रविवार को पूर्ण सैन्य व राजकीय सम्मान से अंत्येष्टि के दौरान यह दृश्य देखकर हर किसी की आंखों में आंसू भर आए। सुरेन्द्र उद्यमपुर में हुए पाकिस्तानी हमले में शहीद हो गए।
वर्दी को छाती से लगाकर बोली आई लव यू
एयरफोस के अधिकारियों ने सुरेन्द्र की वर्दी व टोपी वीरांगना को सौंपी तो उसने सीने के लगाकर तीन बार आई लव यू बोला। अधिकारियों ने जब कहा कि पूरी एयरफोर्स आपके साथ, पूरा देश आपके साथ है तो वीरांगना ने कहा कि सबकुछ है लेकिन मेरा सुरेन्द्र मेरे पास नहीं है, प्लीज बताओ, मेरे सुरेन्द्र को साथ लेकर क्यों नहीं आए, उसे क्यों छोड़कर आ गए।
मातृत्व दिवस पर मां बोली : मुझे छोड़कर कहां चला गया मेरे लाल
एक दिन पहले तक किसी ने मां नानू देवी को नहीं बताया था कि उसका बेटा अब इस दुनिया में नहीं रहा। लेकिन शायद मां व बेटे के बीच दिल के तार जुड़े हुए थे। वह रात भर सो नहीं सकी थी। सुबह पांच बजे से वह पडोसियों से पूछ रही थी आज मन में घबराहट व बेचैनी से क्यों हो रही है? मातृत्व दिवस पर रविवार को एक बजे जैसे ही बेटे की देह तिरंगे में लिपटकर आई वह दहाड़े मारकर चीख उठी और यही कहती रही कि मुझे छोड़कर कहां चला गया मेरे लाल… जो मकान बनाया है, उसमें अब कौन रहेगा। सुरेन्द्र ने गांव में नया मकान बनाया है। गृह प्रवेश के बाद पंद्रह अप्रेल को ही वह छुट्टी पूरी कर ड्यूटी पर लौटा था। उसने कहा था कि रिटायरमेंट के बाद वह दूसरों की तरह शहर में नहीं बल्कि खुद के गांव में रहेगा। सुरेन्द्र के पिता का पहले निधन हो चुका। वे सीआरपीएफ में थे।
परिजनों की मांग : पाकिस्तान को मिले मुंहतोड़ जवाब
सुरेन्द्र के ताऊ व सेना से रिटायर्ड फौजी जगदीश मोगा ने कहा कि जब दुश्मन अटैक कर रहा है तो हमे भी उसके सैन्य ठिकानों, बंदरगाहों व तेल डिपो उड़ा देने चाहिए। उनकी सेना को टार्गेट बनाकर हमले करने का वक्त आ गया है। अंत्येष्टि स्थल पर अधिकतर लोग यही कहते रहे केवल डिफेंस करने से कुछ नहीं होगा, अब समय आ गया है। हमें बदला लेना ही होगा। इस दौरान भारत माता की जय और शहीद सुरेन्द्र मोगा अमर रहे के जयकारे गूंजते रहे।
उपमुख्यमंत्री सहित कई नेताओं ने दी श्रद्धांजलि
उधमपुर में पाकिस्तान की तरफ से आए एक ड्रोन के हमले में दस मई को सुबह करीब साढ़े पांच से छह बजे के बीच सुरेन्द्र मोगा शहीद हो गए थे। वे एयरफोर्स में मेडिकल असिस्टेंट सार्जेंट के पद पर कार्यरत थे। शहीद की अंत्येष्टि में उप मुख्यमंत्री प्रेम चंद्र बैरवा, सैनिक कल्याण मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़, जिले के प्रभारी मंत्री अविनाश गहलोत, विपक्ष के नेता टीका राम जूली, यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा, भाजपा नेता राजेन्द्र राठौड़, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़, उपाध्यक्ष मुकेश दाधीच, कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा सहित कई जनप्रतिनिधि व अधिकारियों ने शामिल होकर पुष्पांजलि अर्पित की।
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