भाजपा विधायक कंवरलाल मीणा ने एसीजेएम कोर्ट में किया सरेंडर, कहा-कोर्ट पर पूरा विश्वास, जेल गए
Kanwarlal Meena Surrender Today : आखिरकार सभी अटकलों को विराम देते हुए भाजपा विधायक कंवरलाल मीणा ने आज बुधवार को झालावाड़ के एसीजेएम कोर्ट में सरेंडर कर दिया है। इस अवसर पर कंवरलाल मीणा ने कहा मुझे पर कोर्ट पर पूरा विश्वास है।
इसके बाद कंवरलाल मीणा को अकलेरा उपकारागृह ले जाया जाएगा। सम्भवतः यहां से उन्हें जिला कारागृह में भेजा जा सकता हैं।
भाजपा विधायक कंवरलाल मीणा, वीडियो से लिया गया फोटो (पत्रिका फोटो)
Kanwarlal Meena Surrender Today : आखिरकार सभी अटकलों को विराम देते हुए भाजपा विधायक कंवरलाल मीणा ने आज बुधवार को झालावाड़ के एसीजेएम कोर्ट में सरेंडर कर दिया है। इस अवसर पर कंवरलाल मीणा ने कहा मुझे पर कोर्ट पर विश्वास है। अपील के बारे में उन्होंने कहा मेरे वकील ही इस बारे में कुछ बता सकते हैं। करीब 20 मिनट तक कोर्ट रूम में रहने के बाद ACJM मनोहरथाना ने विधायक कंवरलाल मीणा को न्यायिक हिरासत में भेजा। पुलिस कस्टडी में मीणा को मनोहरथाना सामुदायिक अस्पताल लाया गया। यहां उनका मेडिकल मुआयना हो रहा। इसके बाद मीणा को अकलेरा उपकारागृह ले जाया जाएगा। सम्भवतः यहां से उन्हें जिला कारागृह में भेजा जा सकता हैं। करीब बीस साल पहले एसडीएम पर पिस्तौल तानने और जान से धमकी देने के मामले में सजा भुगतने के लिए अन्ता से भाजपा विधायक कंवरलाल मीणा बुधवार सुबह सवा ग्यारह बजे मनोहरथाना के एसीजेएम कोर्ट में सरेंडर कर दिया। सरेंडर करने की सुप्रीम कोर्ट की मोहलत बुधवार को पूरी हो गई थी।
जानकारी के अनुसार कंवरलाल मीणा बुधवार सुबह करीब सवा दस बजे अपने वकीलों और समर्थकों के साथ अकलेरा से मनोहरथाना रवाना हुए। रास्ते मे वे कामखेड़ा बालाजी मंदिर रुके और बालाजी के दर्शन किए। यहां से वे करीब सवा ग्यारह बजे मनोहरथना एसीजेएम कोर्ट पहुंचे। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना में सरेंडर कर दिया।
यह अवधि आज बुधवार को हुई पूरी
इस दौरान बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी और कंवरलाल मीणा के समर्थक अदालत परिसर में मौजूद रहे। गौरतलब हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने गत 7 मई को इस मामले में हाइकोर्ट के आदेश के खिलाफ कंवरलाल मीणा की ओर से पेश प्रार्थना पत्र खारिज करते हुए 15 दिन के भीतर अधीनस्थ न्यायालय में सरेंडर करने के आदेश दिए है। यह अवधि बुधवार को पूरी हो गई।
ऐसे फंसे कंवरलाल मीणा
गौरतलब है कि कंवरलाल मीणा के खिलाफ वर्ष 2005 में मनोहर थाने में मामला दर्ज हुआ था। ट्रायल कोर्ट ने अप्रेल 2018 में साक्ष्य के अभाव में मीणा को बरी किया। लेकिन 14 दिसम्बर 2020 को अकलेरा के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय ने दोषी मानते हुए तीन साल की सजा सुनाई। कंवरलाल की ओर से इस मामले में हाईकोर्ट में निगरानी पेश की गई, जिसे गत 2 मई को हाईकोर्ट ने खारिज करते हुए कंवरलाल को तत्काल सरेंडर करने के आदेश दिए थे। इसके खिलाफ कंवरलाल ने सुप्रीम कोर्ट में प्रार्थना पत्र पेश किया था।