परिषद को हो रही राजस्व की हानि-
परिषद को करोड़ों रुपए के राजस्व की हानि प्रतिवर्ष हो रही है। इतना ही नहीं हर वर्ष मैरिज गार्डन संचालकों को यूडी टेक्स के करोड़ों रुपए बकाया चल रहे हैं। जो आपसी समन्वय के चलते जमा नहीं हो पा रहा है। ऐसे में राज्य सरकार को करोड़ों रुपए की चपत लग रही है। हालांकि पूर्व में सभी को नोटिस थमाकर बंद करने की चेतवानी दी थी, उसके बाद एक संचालक ने एक लाख 19 हजार रुपए जरूर जमा करवाए थे। उसके बाद इस ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया।
जरूरी है पंजीयन-
शहरी क्षेत्रों में 50 व्यक्ति से अधिक एकत्रित होने की क्षमता रखने वाले संचालित मैरिज गार्डन, होटल भूखंड, फार्म, सामुदायिक केंद्र, भवन, क्लब, बैंक्वेट हॉल, धर्मशाला आदि जहां विवाह,सगाई,बारात, जन्मदिवस जैसे अन्य सामाजिक समारोह, उत्सव आदि का आयोजन होता है।इनका पंजीयन राज्य सरकार की गाइडलाइन के तहत कराया जाना जरूरी है।मैरिज गार्डन या ऐसे उपक्रम के संचालन से पूर्व तीन माह के अंदर पंजीयन कराना अनिवार्य होता हैं। यदि कोई मैरिज गार्डन इस गाइडलाइन के तहत पंजीकृत नहीं पाया जाता है तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाती हैं। लेकिन झालावाड़ में सब भगवान भरोसे ही चल रहा है।
यह हैं पंजीयन की शर्तें-
नगर परिषद में पंजीयन के लिए मैरिज गार्डन में आतिशबाजी तथा हलवाई की जगह चिन्हित होती है। इसमें दो गेट होना आवश्यक है। समारोह स्थल के लिए 12 मीटर चौड़ा मार्ग, सामुदायिक भवन के लिए 9 मीटर का मार्ग जरुरी हैं। वहीं अग्निशमन व स्थानीय निकाय का बकाया न होने की एनओसी भी आवश्यक होती हैं। पार्किंग स्थल के लिए कुल जगह का 25 प्रतिशत क्षेत्र होना चाहिए। कचरे के निष्पादन की व्यवस्था भी जरूरी होती है। रात 10 से सुबह 8 बजे तक ध्वनि विस्तारक यंत्र न चलाने की घोषणा आदि भी इसके नियम एवं शर्तों में शामिल हैं। लेकिन झालावाड़ में 6 होटल व मैरिज गार्डन को छोड़कर कोई भी इन शर्तों को पूरी नहीं कर रहा है।
फायर एनओसी भी नहीं-
शहर में चल रहे दो दर्जन मैरिज गार्डन व होटल में 11 संचालकों के पास ही एनओसी है, शेष बिना फायर एनओसी के ही संचालन कर रहे हैं। ऐसे में शादी समारोह में कभी आग लगने की घटना होने पर बड़ा हादसा हो सकता है। ऐसे में समय रहते सभी होटल व मैरिज गार्डन संचालकों को पुख्ता व्यवस्था करना जरूरी है।
देना होता है उपभोक्ता शुल्क-
गाइडलाइन के तहत संचालक को 1.50 रुपए प्रति स्क्वेयर फीट के हिसाब से पंजीयन शुल्क के अतिरिक्त वार्षिक दर से उपभोक्ता शुल्क भी देना होता है। जो मैरिज गार्डन के निर्माण की श्रेणी तथा नगर परिषद क्षेत्र की स्थिति के आधार पर तय किया गया है। इसमें भी नगर परिषद की ओर से इन दरों में प्रत्येक 3 वर्ष बाद कम से कम 10 प्रतिशत की वृद्धि की जाती है।
यह है नियम-
-मैरिज गार्डन में रात 10 बजे से सुबह 8 बजे तक ध्वनि विस्तारक यंत्र नहीं बजेगा। -मैरिज गार्डन की सुरक्षा व्यवस्था की जवाबदारी संचालक की होगी। -समारोह में आने वाले वाहनों की पार्किंग के लिए पर्याप्त जगह की व्यवस्था करना अनिवार्य होगा। – मैरिज गार्डन तक पहुंचने का मार्ग कम से कम 12 मीटर चौड़ा होना चाहिए। – यह स्थल किसी विद्यालय, महाविद्यालय और चिकित्सालय की चारदीवारी से कम से कम 100 मीटर से अधिक दूरी पर होना अनिवार्य है।
वायरिंग अपडेशन जरूरी-
एक फायर अधिकारी ने बताया कि लोड के अनुरूप वायरिंग अपडेशन जरूरी है। समय-समय पर उपकरणोंकी जांच करवाना चाहिए। एसी व कूलर को निरंतर नहीं चलाना चाहिए। बीच-बीच में बंद करना जरूरी है, अन्यथा आग की संभावना बढ़ जाती है।
जल्द नोटिस् जारी करेंगे-
शहर में जितने भी मैरिज गार्डन व होटल है सभी को फायर एनओसी लेना जरूरी है। जिसका भी पंजीयन नहीं है, जल्द ही नोटिस जारी कर उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे। जो नियम के उसके अनुसार संचालन करना जरूरी है।
नरेन्द्र कुमार मीणा, आयुक्त नगर परिषद,झालावाड़