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जांजगीर चंपा

तीन डॉक्टरों का नक्सली जिले में ट्रांसफर, विरोध में सामूहिक इस्तीफा देने की तैयारी..

CG Doctors Transfer: जांजगीर-चांपा जिले में जिला अस्पताल के तीन डॉक्टरों का नक्सल जिला ट्रांसफर से जिला अस्पताल के डॉक्टरों में भारी आक्रोश व्याप्त है।

जांजगीर चंपाMay 02, 2025 / 12:21 pm

Shradha Jaiswal

तीन डॉक्टरों का नक्सली जिले में ट्रांसफर, विरोध में सामूहिक इस्तीफा देने की तैयारी..
CG Doctors Transfer: छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में जिला अस्पताल के तीन डॉक्टरों का नक्सल जिला ट्रांसफर से जिला अस्पताल के डॉक्टरों में भारी आक्रोश व्याप्त है। इसको लेकर जिला अस्पताल के सभी डॉक्टर सामूहिक इस्तीफा की तैयारी में जुटे हुए है।

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इसके अलावा प्रदेश स्तर पर भी आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जा रही है। अगर ऐसा हुआ तो जिला अस्पताल डॉक्टरविहीन हो जाएगा। इधर जिन डॉक्टरों का ट्रांसफर हुआ है, उन्हें एकतरफा रिलीफ भी कर दिया गया है। लेकिन उनकी जगह पर दूसरे डॉक्टरों की कोई इंतजाम नहीं किया गया है।
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CG Doctors Transfer: डॉक्टर नहीं होने से जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधा चरमराने लगी

इससे जिला अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराने लगी है। डेंटिस्ट नहीं होने से गुरुवार को भ्ज्ञी मरीज भटकते रहे। डॉक्टरों का कहना है कि यह ट्रांसफर द्वेषपूर्ण किया गया है। जबकि प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. दीपक जायसवाल को पड़ोसी जिले में प्रभारी सिविल सर्जन बनाकर भेज दिया गया है।
इससे जिला अस्पताल डॉक्टरों में भारी आक्रोश देखा जा रहा है। दो दिनों से लगातार बैठक का दौर जारी है। साथ ही डॉक्टरों का कहना है कि अगर जल्द ही आदेश को वापस नहीं लिया जाता है, इस स्थिति में जिला अस्पताल के सभी डॉक्टर सामूहिक रूप से इस्तीफा देंगे। इसके अलावा प्रदेश स्तर के डॉक्टर भी इस आंदोलन में सहमति बन रही है।
अगर जल्द ही आदेश वापस नहीं लिया गया तो जिला अस्पताल सहित प्रदेश स्तर पर एक साथ बड़ी संया में उग्र आंदोलन सहित सामूहिक इस्तीफा का डॉक्टर दे देंगे। ऐसे में जिला अस्पताल पूरा डॉक्टरविहीन हो जाएगा। इसका खामियाजा जिले के मरीजों को भुगतना पड़ेगा। वर्तमान में डेंस्टिट डॉ. विष्णु पैगवार का दोरनापाल ट्रांफसर हो जाने से जिला अस्पताल में दंत चिकित्सक ही नहीं हैं। बिना व्यवस्था बनाए सीधे ट्रांसफर कर दिया गया है। इससे स्वास्थ्य सुविधा बिगड़ती जा रही है।

इधर… 4 डॉक्टरों की सेवा वृद्धि रोकने अनुशंसा

जिला अस्पताल में डीएमएफ मद में पदस्थ डॉक्टरों का हर साल सेवा में वृद्धि की जाती है। काम लिया जाय या नहीं यह सिविल सर्जन के ऊपर में ही रहता है। इसमें कई डॉक्टर पिछले 5 तो 7 साल से सेवा दे रहे हैं, लेकिन अभी वर्तमान में सिविल सर्जन द्वारा आंदोलन में शामिल 4 डॉक्टरों का सेवा वृद्धि नहीं करने की अनुशंसा कर दी गई है।
इसमें अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. नितिन जुनेजा, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. हरिश पटेल, सर्जिकल विशेषज्ञ डॉ. आकाश सिंह राणा, पैथोलाजिस्ट डॉ. एके राठौर शामिल है। इसमें सर्जिकल विशेषज्ञ अधिकांश एक्सीडेंट सहित अन्य मरीज पहुंचने पर दोपहर में रात में तत्काल पहुंचते हैं। फिर भी समय में अस्पताल नहीं पहुंचने को वजह बताई गई है।

आदेश के दूसरे दिन ही तीनों डॉक्टर एकतरफा रिलीव

स्वास्थ्य विभाग द्वारा 28 अप्रैल को प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. दीपक जायसवाल सहित जिला अस्पताल के डॉ. इकबाल हुसैन, विष्णु पैगवार व दीपक साहू का ट्रांसफर आदेश जारी किया गया। इसके दूसरे दिन ही 29 अप्रैल को एकतरफा सभी तीनों डॉक्टर को सिविल सर्जन द्वारा रिलीव कर दिया गया। जबकि तीनों डॉक्टर छुट्टी में है। वहीं स्वयं ट्रांसफर के बाद भी जांजगीर से मोह नहीं छूट पा रहा है। बल्कि व्यवस्था बनाने छोड़कर धड़ाधड़ आदेश जारी किया जा रहा है।

सीएमएचओ का आदेश दरकिनार कर डॉक्टर व स्टाफ का काट दिया वेतन

23 अप्रैल को सीएमएचओ द्वारा आदेश जारी किया गया था कि 11 अप्रैल को सामूहिक अवकाश में शामिल अधिकारी-कर्मचारियों का एक दिन का वेतन कटौती की जाए। इसके बाद दूसरे दिन ही 24 अप्रैल को वेतन कटौती आदेश को आगामी आदेश तक निरस्त करने का आदेश जारी कर दिया गया। मगर इसके बावजूद सिविल सर्जन के द्वारा जिला अस्पताल के 65 अधिकारी-कर्मचारियों का वेतन काट दिया गया है। सीएमएचओ के आदेश का भी पालन नहीं किया गया।

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