लोगों की माने तो अब गांवों में वन अमले को सक्रिय रहना होगा। लेकिन वन विभाग की टीम मौके पर तभी पहुंचती है जब ग्रामीण उन्हें सूचना देते हैं। इतना ही नहीं गलियों में निकले मगरमच्छ को पकड़कर क्रोकोडायल पार्क में छोड़ा जा रहा है। गौरतलब है कि, कोटमीसोनार के आसपास के तालाबों के अलावा अन्य गांवों के तालाबों में बड़ी तादात में मगरमच्छ के बच्चे गांव की गलियों में बिलबिला रहे हैं।
शुक्र है कि ये मगरमच्छ के बच्चे लोगों पर हमला नहीं करते। इसके चलते ग्रामीणों में भी डर नहीं रहती और ग्रामीण इन्हें आसानी से पकड़कर पार्क में शिफ्ट कर देते हैं। खासकर बारिश के दिनों में ऐसे
मगरमच्छ के बच्चे गांव की गलियों में निकलते हैं। क्योंकि पार्क के आसपास के कर्रा नाला डेम में बड़ी तादात में मगरमच्छ विचरण करते हैं। कोटमीसोनार के सुबोध थवाइत ने बताया कि पार्क के आसपास के गांवों में बड़ी तादात में मगरमच्छ पाए जाते हैं। इन मगरमच्छों को ग्रामीणों द्वारा खुद ब खुद पार्क में छोड़ा जाता है।