जिला अस्पताल जांजगीर और बीडीएम चांपा के डॉक्टरों, स्टाफ नर्सों और कर्मचारियों ने प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. दीपक जायसवाल के मनमानी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। चरणबद्ध आंदोलन किया गया। मामला राजधानी पहुंची तो राज्य स्तरीय जांच टीम गठित की गई। जांच रिपोर्ट स्वास्थ्य मंत्री को सौंपा गया। जिस पर
स्वास्थ्य विभाग द्वारा केवल जांजगीर-चांपा जिले के स्वास्थ्य कर्मचारियों के ट्रांसफर किया गया। इसमें कई आरोप लगे उस प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. दीपक जायसवाल को पड़ोसी जिले में प्रभारी सिविल सर्जन बनाकर ही ट्रांसफर कर दिया गया।
वहीं आंदोलन का नेतृत्व कर रहे चिकित्सा अधिकारी डॉ. इकबाल हुसैन का सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र नारायणपुर, दंत चिकित्सक डॉ. विष्णु पैगवार का सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र दोरनापाल (सुकमा) व चिकित्सा अधिकारी डॉ. दीपक साहू को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खडगवां जिला एमसीबी ट्रांसफर कर दिया गया।
साथ ही सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खड़गवां के चिकित्सा अधिकारी डॉ. एस कुजूर को जिला अस्पताल जांजगीर का प्रभारी सिविल सर्जन के रूप पदस्थ कर दिया गया है। इस ट्रांसफर लिस्ट को देखकर साफ झलक रहा है कि अपनो से पंगा लेने वाले नक्सली जिला में भेज दिए जाएंगे।
गृह जिले का प्रभारी सिविल सर्जन बनाकर दिया गया इनाम
जिला अस्पताल के डॉक्टरों में भारी आक्रोश है। डॉक्टरों का कहना है कि अगर कोई संगठन आवाज उठाएगा तो दमनकारी नीति अपनाई जाएगी। लीड करने वालों को टारगेट किया जाएगा और संगठनों के प्रभाव को पूरी तरह खत्म किया जाएगा। डॉ. दीपक जायसवाल को उनके गृह जिले का प्रभारी सिविल सर्जन बनाकर इनाम दिया गया है।
वरीयता सूची में काफी नीचले पायदान वाले चिकित्सक को दोबारा सिविल सर्जन का प्रभार देना यही साबित करता है। साथ ही वरीयता क्रम के खिलाफ जूनियर डॉक्टर्स को प्रभार देने वाले चिकित्सक के खिलाफ आंदोलन को लीड करने वालों का नक्सली जिला ट्रांसफर कर के सजा दिया गया है।
जिले के बाद अब होगा राज्य स्तरीय उग्र आंदोलन
सीडा के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. इकबाल हुसैन ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग में प्रमोशन, भर्ती नियम, अन्य सभी मांगों के लिए और संगठनों के अस्तित्व को बनाए रखने के लिए लडूंगा और लड़ता रहूंगा। मेरा ट्रांसफर इस बात का सबूत है। सिर्फ एक जिले का आंदोलन देखकर शासन-प्रशासन डरा है। ये देखकर और अभी अच्छा लगा। शासन-प्रशासन को संगठन का खौफ रहना ही चाहिए। प्रमोशन और अपनी अन्य मांगों के लिए जिला स्तरीय आंदोलन अब राज्य स्तर पर ले जाया जाएगा।