डमी कैंडिडेट की संभावना ज्यादा
पांच साल में हुई नियुक्तियों की जांच में सर्वाधिक शक डमी कैंडिडेट से जुड़े है। प्रारंभिक जांच में अधिकतर संदिग्धों के ई-हस्ताक्षर तक का मिलान नहीं हुआ। यही नहीं जो भी शिक्षक शक के दायरे में है, उनके प्रवेश पत्र व अन्य दस्तावेजों में फोटो और हस्ताक्षर का मिलान तक नहीं हो पाया है।पूछताछ और अब होगी धरपकड़
प्रतियोगी परीक्षाओं में फर्जीवाड़े से जालोर जिले का सीधा जुड़ाव रहा। इसमें सर्वाधिक भूमिका सांचौर की रही है। इस मामले में भी एसओजी के पास जो इनपुट है, उसके अनुसार नौकरी पर काबिज सभी संदिग्धों के दस्तावेजों में हेरफेर ही नहीं, बल्कि डमी कैंडिडेट द्वारा परीक्षा देने के इनपुट है। अब एसओजी सभी ने गहन पूछताछ करेगी। बता दें पूर्व की प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल और पेपर आउट प्रकरणों में जालोर जिले की बड़ी भूमिका सामने आ चुकी।पहला मामला नहीं, बड़े मामले में जालोर की भूमिका
24 दिसंबर 2022 को सेकेंड ग्रेड शिक्षक भर्ती पेपर लीक प्रकरण में मूल रूप से हेमागुड़ा (सांचौर) की निजी बस में बेकरिया (उदयपुर) में बस में कुल 45 जनों को सामूहिक पेपर सॉल्व करवाया जा रहा था। ये सभी जालोर जिले के ही थे। इस मामले में ठैलिया का हैड मास्टर सुरेश विश्नोई पेपर सॉल्व करवा रहा था।इन्होंने कहा
123 संदिग्ध शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच के बाद मामले दर्ज किए गए हैं। अब इन सभी संदिग्धों से प्रकरण को लेकर पूछताछ की जाएगी।कमल नयन, उप अधीक्षक, एसओजी जयपुर