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मंत्री स्वतंत्र देव सिंह के बेटे को VIP प्रोटोकॉल; लेटर जारी, निजी सचिव बोले – AI का जमाना पत्र फर्जी

उत्तर प्रदेश सरकार में जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह के बेटे के प्रोटोकाल का एक लेटर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। यह लेटर 15 अगस्त का है और इसमें बैठक संबंधी बात लिखी गई है।

जालौनAug 22, 2025 / 04:59 pm

Avaneesh Kumar Mishra

अपने बेटे के साथ मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, PC- x @MamtaTripathi80

जालौन: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह के बेटे अभिषेक सिंह को बिना किसी आधिकारिक पद के सरकारी प्रोटोकॉल दिए जाने का मामला सुर्खियों में है। आरोप है कि 15 अगस्त को उरई में तिरंगा यात्रा के दौरान अभिषेक को वीआईपी प्रोटोकॉल के तहत सुरक्षा और विशेष व्यवस्था दी गई। इसके लिए मंत्री के निजी सचिव आनंद कुमार ने जालौन के डीएम और एसपी को पत्र लिखकर व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा था। हालांकि, विवाद बढ़ने पर निजी सचिव ने पत्र को फर्जी करार देते हुए कहा, ‘AI का जमाना है, यह पत्र नकली है।’

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14 अगस्त को जारी हुआ था पत्र

सूत्रों के मुताबिक, 14 अगस्त को निजी सचिव आनंद कुमार ने डीएम और एसपी को पत्र भेजा था। इसमें लिखा गया था कि अभिषेक सिंह 15 अगस्त को उरई में तिरंगा यात्रा में हिस्सा लेंगे, इसलिए उनके आने-जाने और कार्यक्रम में भागीदारी के लिए सभी जरूरी व्यवस्थाएं की जाएं। स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित तिरंगा यात्रा में अभिषेक को एक सिपाही के साथ सुरक्षा दी गई, जिसे लेकर अब सवाल उठ रहे हैं।

एसपी और सिटी मजिस्ट्रेट ने किया इनकार

जालौन के एसपी डॉ. दुर्गेश कुमार ने प्रोटोकॉल दिए जाने की बात से साफ इनकार किया। उन्होंने कहा, ‘जिन्हें प्रोटोकॉल मिलना चाहिए, उन्हें नियमों के तहत दिया जाता है। जो इस श्रेणी में नहीं आते, उन्हें कोई सुविधा नहीं दी जाती। निजी तौर पर सुरक्षा लेने के लिए शासन की गाइडलाइन के तहत भुगतान करना होता है।’
वहीं, सिटी मजिस्ट्रेट राजेश वर्मा ने भी स्पष्ट किया, ‘हमारे यहां से कोई प्रोटोकॉल पत्र जारी नहीं हुआ। कई पत्र आते हैं, लेकिन प्रोटोकॉल सिर्फ पात्र व्यक्तियों को ही दिया जाता है।’

जानें प्रोटोकॉल के क्या हैं नियम

नियमों के अनुसार, वीआईपी प्रोटोकॉल केवल जेड, जेड प्लस, वाई या वाई प्लस श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त व्यक्तियों, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मंत्रियों, न्यायाधीशों, सेना प्रमुखों और समकक्ष उच्च पदस्थ अधिकारियों को ही दिया जाता है। अभिषेक सिंह किसी आधिकारिक पद पर नहीं हैं, ऐसे में उन्हें प्रोटोकॉल दिए जाने पर सवाल उठ रहे हैं।

निजी सचिव का पलटवार- पत्र फर्जी

विवाद बढ़ने पर निजी सचिव आनंद शर्मा ने सफाई दी। उन्होंने कहा, “हमारी ओर से कोई पत्र जारी नहीं हुआ। AI के इस दौर में फर्जी पत्र बनाना आसान है। यह पत्र पूरी तरह नकली है।” हालांकि, इस बयान पर कई सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि पत्र में निजी सचिव का नाम और हस्ताक्षर स्पष्ट रूप से मौजूद हैं।

कौन हैं स्वतंत्र देव सिंह?

13 फरवरी 1964 को मिर्जापुर में जन्मे स्वतंत्र देव सिंह का राजनीतिक सफर संघर्षों से भरा रहा। कालपी के एमएसवी इंटर कॉलेज से पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने उरई के डीएवी डिग्री कॉलेज से स्नातक किया। 1986 में वे छात्र संघ चुनाव लड़े, लेकिन हार गए। 1989 में आरएसएस के प्रचारक बने और पत्रकारिता भी शुरू की। 1992 में एबीवीपी से जुड़कर झांसी और फिर कानपुर में सक्रिय रहे।
2000 में उन्हें भारतीय जनता युवा मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। 2012 में कालपी से विधानसभा चुनाव हारने के बावजूद बीजेपी ने उन्हें एमएलसी बनाया। 2014 में उन्होंने पीएम मोदी और अमित शाह की रैलियों की जिम्मेदारी संभाली, जिससे उनका कद बढ़ा। 2017 में वे योगी सरकार में परिवहन मंत्री बने और 2019 में मध्य प्रदेश प्रभारी रहे। 2022 में यूपी बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के रूप में अहम भूमिका निभाई। वर्तमान में वे योगी सरकार में जल शक्ति मंत्री हैं।

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