स्वामी परमार्थदेव ने कराया योगाभ्यास, प्राणायाम से मिली नई ऊर्जा
जैसलमेर शहर की गांधी कॉलोनी में एक दिवसीय इंटीग्रेटेड योग चिकित्सा एवं ध्यान शिविर संपन्न हुआ।


जैसलमेर शहर की गांधी कॉलोनी में एक दिवसीय इंटीग्रेटेड योग चिकित्सा एवं ध्यान शिविर संपन्न हुआ। भारत स्वाभिमान, पतंजलि योग समिति, पतंजलि किसान समिति, पतंजलि युवा भारत और महिला पतंजलि योग समिति के संयुक्त आयोजन में साधकों, महिलाओं, युवाओं और बच्चों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। पतंजलि योगपीठ हरिद्वार के मुख्य केंद्रीय प्रभारी व योग ऋषि रामदेव के शिष्य, स्वामी परमार्थदेव महाराज ने साधकों को योगाभ्यास कराया और योग व प्राणायाम के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि योग केवल शरीर को स्वस्थ रखने का साधन नहीं, बल्कि जीवन जीने की संपूर्ण पद्धति है। योग से तन, मन और आत्मा का संतुलन स्थापित होता है। असंयमित जीवनशैली गंभीर रोगों को जन्म दे रही है, जबकि प्रतिदिन दो घंटे योग-प्राणायाम से मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, श्वास रोग और मानसिक बीमारियों से बचाव संभव है। स्वामी परमार्थदेव ने प्राणायाम, ध्यान, प्राकृतिक चिकित्सा और हास्याभ्यास के जरिए शिविर में नई ऊर्जा का संचार किया। उन्होंने कहा कि योग हमारी ऋषि परंपरा की अमूल्य धरोहर है, इसे पुनर्जीवित कर भारत को विश्वगुरु बनाना होगा। हर व्यक्ति को स्वदेशी उत्पाद अपनाने और विदेशी वस्तुओं का त्याग करने का संकल्प लेना चाहिए, इससे स्वास्थ्य के साथ-साथ राष्ट्र की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी। सुबह 5 से 7 बजे तक चले इस शिविर में वातावरण पूर्णतः आध्यात्मिक और ऊर्जामय रहा। कार्यक्रम का संचालन गणपतलाल बोरावट ने किया। जिला प्रभारी मूलाराम मंगल ने बताया कि रामदेव ने जीवनभर राष्ट्रहित में कार्य कर करोड़ों लोगों को योग-प्राणायाम से स्वस्थ जीवन का मार्ग दिखाया है, वहीं आचार्य बालकृष्ण ने आयुर्वेद व औषधीय पौधों को वैज्ञानिक प्रमाण देकर नई पीढ़ी को दिशा दी है।
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