वर्षों से नाले के नारकीय हालात
जैसलमेर की सबसे बड़ी आवासीय गांधी कॉलोनी में आदर्श विद्या मंदिर के आगे से लेकर आइटीआइ तक नाले की दशा पिछले एक दशक से भी लम्बे समय से पूरी तरह से नारकीय ही बनी हुई है। यह नाला देखभाल के अभाव में जर्जर हो चुका है और इसमें कीचड़ और अन्य अपशिष्ट सामग्री इतनी भरी रहती है कि, उसकी दुर्गंध से पूरा इलाका गंधाता रहता है। स्थानीय निवासियों के अनुसार यहां 10 से 15 दिन में एक बार साफ-सफाई कर कर्तव्य की इतिश्री कर ली जाती है। वापस उसी तरह के हालात बन जाते हैं। नालों के ऊपरी हिस्से में पत्थर और गंदगी के लगे ढेर लगे हुए हैं। इसके अलावा नाले के ऊपर पत्थर की पट्टियां भी नहीं लगी हैं, और वह खुला रह कर हादसों को न्योता भी दे रहा है।
पूर्व में शहर देख चुका बाढ़ जैसे हालात
जैसलमेर शहर में साल 2006 में मूसलाधार बारिश के बाद कई निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए थे। जल निकासी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने के कारण गड़ीसर सरोवर और उससे लगते क्षेत्रों में घरों व सरकारी कार्यालयों तक में पानी भर गया था। यहां तक कि लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए नावें तक चलानी पड़ी थी। उसके बाद भी जब-जब मूसलाधार बारिश आती है, निचले क्षेत्रों में बसी बस्तियों में पानी भर जाता है। निकासी के अभाव में बरसाती पानी कई-कई दिनों तक भरा रहता है। कई घरों और दुकानों आदि को इस भरे हुए पानी के कारण खतरा भी रहता है।
समय रहते हो सफाई
गांधी कॉलोनी क्षेत्र में नाला पूरी तरह से गंदगी से अटा पड़ा है और यह सड़ांध मारता रहता है। नगरपरिषद की तरफ से अनदेखी बरती जा रही है। इस नाले के कारण क्षेत्र में बदबू व मच्छर फैले रहते हैं। - राजेन्द्र कुमार, स्थानीय निवासी
स्वर्णनगरी में जल निकासी की सुव्यवस्थित व्यवस्था आज तक नहीं हो पाई है। मानसून काल में बारिश के दौरान यह समस्या एकदम से सिर उठाती है। समय रहते प्रशासन को ध्यान देना चाहिए। - देरावर सिंह, स्थानीय निवासी