बता दें कि इन मकान मालिकों को तीन दिन के भीतर अपने मकानों को सुरक्षित ढंग से गिराने के निर्देश दिए गए हैं। नगर आयुक्त सोढ़ा ने बताया कि हाल ही में किले और आसपास के खतरनाक मकानों का निरीक्षण किया गया था।
तय समय के भीतर मकान गिराएं
निरीक्षण में पाया गया कि कई मकान इतने जर्जर हो चुके हैं कि किसी भी वक्त गिर सकते हैं, जिससे जानमाल का नुकसान हो सकता है। इस खतरे को देखते हुए मकान मालिकों को आदेश दिए गए हैं कि वे तय समय के भीतर मकान गिरा दें। यदि वे ऐसा नहीं करते हैं और किसी प्रकार की दुर्घटना होती है, तो इसके लिए मकान मालिक ही जिम्मेदार माने जाएंगे।
खतरनाक और जर्जर भवनों की पहचान
इसके साथ ही नगर परिषद ने शहर के अन्य क्षेत्रों में भी खतरनाक और जर्जर भवनों की पहचान की है। ऐसे भवनों के मालिकों को भी अंतिम नोटिस जारी किया जा रहा है। यह नोटिस नगरपालिका अधिनियम 2009 की धारा 243(3) के तहत जारी किया जा रहा है। इस कानून के तहत यदि भवन स्वामी तय समय में कार्रवाई नहीं करते, तो नगर परिषद स्वयं उन भवनों को गिराएगी और खर्च की वसूली मकान मालिकों से की जाएगी।
कार्रवाई बेहद जरूरी
सोढ़ा ने यह भी कहा कि मानसून के दौरान हादसों की आशंका बढ़ जाती है, इसलिए सुरक्षा के लिहाज से यह कार्रवाई बेहद जरूरी है। नगर परिषद का उद्देश्य किसी भी प्रकार की जनहानि को रोकना है और शहर को सुरक्षित बनाए रखना है।