कार्यक्रम की शुरुआत पोकरण के लोक कलाकार ईश्वरदान ने बाबा रामदेवजी महाराज के भजनों से की। इसके बाद अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त लोक कलाकार अन्नू सौंलकी ने चकरी, भवाई और कालबेलिया नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। पाली पादरला की लीलीदेवी का तेरहताली नृत्य, रामगढ़ के उदाराम का तराजू नृत्य और रेवताराम की कच्छी घौड़ी की प्रस्तुति ने दर्शकों से खूब तालियां बटोरीं।भैंसड़ा के छुग्गे खां ने डेजर्ट सिम्फनी और जमाल खां ने राजस्थानी भजन प्रस्तुत किए। मूलसागर निवासी तगाराम भील का अलगोजा वादन और अन्य ख्यातनाम कलाकारों की प्रस्तुतियों ने वातावरण को भक्तिमय बना दिया। लोकवाद्यों की ताल और सुरों के संगम ने श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया।
पूरे कार्यक्रम के दौरान श्रद्धालु उत्साहपूर्वक तालियां बजाकर कलाकारों का हौसला बढ़ाते रहे। बाबा रामसापीर की नगरी लोक संगीत और भक्ति रस से सरोबार हो उठी और जयकारों से पूरा परिसर गूंजायमान हो गया।