राजस्थान के सरकारी स्कूलों में योग और खेल की कक्षाएं अनिवार्य, 10 महीने के लिए मिलेंगे ₹1 लाख
राजस्थान के सरकारी स्कूलों में योग और खेल-कूद की कक्षाएं अब अनिवार्य कर दी गई हैं। पहले चरण में सात जिलों के 170 से अधिक स्कूलों में इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लागू किया गया है।
जयपुर। राज्य शिक्षा विभाग ने छात्रों के समग्र विकास के लिए सरकारी स्कूलों में योग और खेलकूद की कक्षाएं अनिवार्य कर दी हैं। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर, यह पहल सात जिलों के 170 से ज्यादा पीएम-श्री स्कूलों में शुरू की गई है। इस परियोजना के लिए जयपुर में 35, उदयपुर में 30, जोधपुर में 29, अजमेर में 24, भरतपुर में 22, बीकानेर में 17 और कोटा जिले में 14 स्कूलों का चयन किया गया है।
पहले ये गतिविधियां ‘नो बैग डे’ पहल के तहत केवल शनिवार को ही आयोजित की जाती थीं। अब, हर महीने के आखिरी शनिवार को स्कूलों में विभिन्न खेलों में अच्छे खिलाड़ियों की पहचान के लिए एक खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। साथ ही नियमित रूप रुप से योग और खेल-कूद की कक्षाएं चलाई जाएंगी।
प्रत्येक स्कूल को 10 महीने के लिए ₹1 लाख मिलेंगे
अब हर महीने के आखिरी शनिवार को स्कूलों में एक खेल प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी ताकि विभिन्न खेलों में अच्छे खिलाड़ियों की पहचान की जा सके और उन्हें स्कूल स्तर या अंतर-विद्यालयीय प्रतियोगिताओं के लिए प्रशिक्षित किया जा सके। अधिकारियों ने बताया कि कक्षा 1 से 5 तक के लिए प्रति सप्ताह तीन योग सत्र, कक्षा 6 से 8 के लिए दो सत्र और कक्षा 9 से 12 के लिए एक सत्र होगा।
योग प्रशिक्षकों की भर्ती करेगी सरकार
विभाग द्वारा प्रत्येक जिले में योग प्रशिक्षक के रूप में एक वर्ष का अनुभव रखने वाले शारीरिक शिक्षा शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। इस पहल के लिए प्रत्येक स्कूल को 10 महीने के लिए 1 लाख रुपये दिए जाएंगे। ऐसे शिक्षकों की नियुक्ति की निगरानी स्कूल प्रबंधन समितियां करेंगी।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि स्कूलों में कार्यरत शारीरिक शिक्षा शिक्षक न केवल खेलों में बल्कि योग, मानसिक स्वास्थ्य, नैतिक शिक्षा और जीवन कौशल विकास में भी योगदान देंगे। उन्हें ‘एक जिला, एक खेल’ अभियान को भी लागू करना होगा।
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