Haldighati: महाराणा प्रताप की भूमि पर यह बोले राज्यपाल, जिसे सुनकर आप भी गर्व से भर उठेंगे
Maharana Pratap Museum: चेतक की समाधि पर राज्यपाल की विनम्र श्रद्धांजलि, प्रताप के बलिदान को बताया अमर प्रेरणा, हल्दीघाटी की मिट्टी में बसी है भारत की आत्मा
राज्यपाल ने हल्दीघाटी, चेतक समाधि पर नमन किया। पत्रिका फोटो।
Maharana Pratap: जयपुर। राजस्थान की वीरभूमि हल्दीघाटी, जहां महाराणा प्रताप ने मातृभूमि की रक्षा के लिए अकबर की विशाल सेना से लोहा लिया, आज भी देशभक्ति, पराक्रम और आत्मगौरव की जीवंत मिसाल बनी हुई है। इसी भूमि पर शनिवार को राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने पहुंचकर उसे नमन किया। उन्होंने श्रद्धा भाव से हल्दीघाटी की पावन मिट्टी को मस्तक पर लगाकर तिलक किया और कहा, “यह मिट्टी केवल धूल नहीं, भारत के शौर्य, साहस और आत्मोत्सर्ग का जीवंत प्रतीक है।”
राज्यपाल ने वहां चेतक की समाधि पर पुष्प अर्पित कर उस वफादार घोड़े की वीरता को याद किया, जिसने युद्ध में घायल महाराणा प्रताप को बचाकर सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया था। उन्होंने महाराणा प्रताप संग्रहालय का भी अवलोकन किया और प्रताप के जीवन, त्याग, संघर्ष और तपस्या पर आधारित लघु फिल्म देखी। यह दृश्य उन्हें गहरे भाव में डुबो गया।
उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप का जीवन देश के हर नागरिक, विशेषकर युवाओं के लिए एक आदर्श है। जिस संकल्प और स्वाभिमान से उन्होंने स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया, वह हमें यह सिखाता है कि मातृभूमि की रक्षा से बड़ा कोई धर्म नहीं।
यह दौरा केवल एक शिष्टाचार यात्रा नहीं, बल्कि राष्ट्र की उस ऐतिहासिक चेतना को सम्मान देने का भाव था, जो आज भी हर भारतीय के दिल में धड़कती है।