शैक्षणिक संस्थान में ये निर्माण अस्वीकार्य
सोशल मीडिया पर वीडियो सामने आने के बाद ‘धरोहर बचाओ समिति राजस्थान’ के अध्यक्ष एडवोकेट भारत शर्मा मौके पर पहुंचे और मामले का जायजा लिया। शर्मा ने आरोप लगाया कि कॉलेज परिसर में बनी मजारें हाल में बनाई गई प्रतीत होती हैं और यह किसी ‘पूर्व नियोजित प्रयास’ का हिस्सा लगती हैं। उन्होंने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि किसी भी शैक्षणिक संस्थान में इस तरह की धार्मिक संरचनाओं का निर्माण अस्वीकार्य है और इसे उन्होंने ‘सांस्कृतिक अतिक्रमण’ करार दिया।धरोहर बचाओ समिति ने इस विषय पर राज्य सरकार से तत्काल जांच और कार्रवाई की मांग की है। समिति का कहना है कि यदि जल्द इन संरचनाओं को हटाया नहीं गया, तो वे सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेंगे।