Udaipur Files trailer released: ‘कन्हैयालाल हत्याकांड’ की दहलाने वाली सच्चाई अब बड़े पर्दे पर होगी सामने, फिल्म का ट्रेलर रिलीज
Udaipur Files: ‘उदयपुर फाइल्स’ एक सस्पेंस-थ्रिलर ड्रामा है, जो सच्ची घटना पर आधारित है। फिल्म में बताया गया है कि किस तरह एक साधारण दर्जी कन्हैयालाल, सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के चलते एक घातक साजिश का शिकार हो गया।
उदयपुर फाइल्स का ट्रेलर रिलीज (सोर्स- @janifirefoxfilms)
Udaipur Files: जयपुर। राजस्थान के बहुचर्चित कन्हैयालाल हत्याकांड पर आधारित फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ का ट्रेलर रिलीज हो गया है। यह फिल्म उस वीभत्स घटना को सिल्वर स्क्रीन पर उतारने की कोशिश है, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। फिल्म में न सिर्फ उस घटना को दिखाया गया है, बल्कि यह भी दर्शाने की कोशिश की गई है कि आखिर ऐसा कट्टरपंथी सोच का माहौल कैसे बना और उसका समाज पर क्या असर पड़ा।
‘उदयपुर फाइल्स’ एक सस्पेंस-थ्रिलर ड्रामा है, जो सच्ची घटना पर आधारित है। फिल्म में बताया गया है कि किस तरह एक साधारण दर्जी कन्हैयालाल, सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के चलते एक घातक साजिश का शिकार हो गया। फिल्म में घटना से पहले और बाद की परिस्थितियों को दिखाया गया है, साथ ही जांच एजेंसियों की कार्रवाई और लोगों की प्रतिक्रियाओं को भी चित्रित किया गया है।
उदयपुर फाइल्स का यहां देखें ट्रेलर-
फिल्म में क्या है खास?
फिल्म का ट्रेलर काफी प्रभावशाली है और सीधे दिल को झकझोरता है। इसमें हत्या की प्लानिंग, कट्टरपंथी मानसिकता और सोशल मीडिया पर फैले जहर को भी दर्शाया गया है।
क्या हुआ था कन्हैयालाल केस में?
28 जून 2022 को उदयपुर शहर के धानमंडी इलाके में कन्हैयालाल नामक एक दर्जी की दुकान में दिनदहाड़े 2 कट्टरपंथी युवकों ने गला रेतकर निर्मम हत्या कर दी थी। हमलावरों ने इस पूरी घटना का वीडियो भी बनाया था और बाद में सोशल मीडिया पर शेयर कर खुलेआम हत्या की जिम्मेदारी ली थी।
नुपुर शर्मा से जुड़े एक पोस्ट पर हुई थी हत्या
हत्यारों का दावा था कि कन्हैयालाल ने नुपुर शर्मा के समर्थन में एक पोस्ट साझा की थी, जिससे वे ‘अपमानित’ महसूस कर रहे थे। इस घटना ने न सिर्फ राजस्थान बल्कि पूरे देश में सनसनी फैला दी थी। बाद में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने इस केस की जांच अपने हाथ में ली और इसे आतंकवादी साजिश करार दिया गया।
सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर भी सवाल
‘उदयपुर फाइल्स’ सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि एक दस्तावेज है- जो यह दिखाता है कि धार्मिक असहिष्णुता और कट्टरता का खौफनाक चेहरा क्या हो सकता है। फिल्म यह सवाल भी खड़ा करती है कि क्या सोशल मीडिया का इस्तेमाल अभिव्यक्ति की आजादी के लिए हो रहा है या नफरत फैलाने का जरिया बनता जा रहा है?
इस फिल्म के जरिए निर्माता-निर्देशक ने एक संवेदनशील मुद्दे को जनसामान्य के बीच लाने की कोशिश की है। यह देखना दिलचस्प होगा कि दर्शक इस फिल्म को किस नजर से देखते हैं। एक चेतावनी के तौर पर या सिर्फ एक थ्रिलर कहानी की तरह। यह फिल्म 11 जुलाई सिनेमाघरों में रिलीज की जाएगी।