हकीकत ये है कि यह बैन सिर्फ आम शिक्षकों के लिए है। खास के लिए विभाग ने कार्यव्यस्था के नाम पर गली निकाल रखी है। बैन होने के बाद भी चहेतों को फायदा देने के लिए थर्ड ग्रेड, सेकेंड ग्रेड सहित अन्य पदों के शिक्षकों को कार्यव्यवस्था के नाम पर मनचाही जगहों पर लगाया जा रहा है।
विभाग की ओर से आए दिन एक-एक प्रतिनियुक्ति आदेश जारी किए जा रहे हैं। विभाग के इन आदेशों का शिक्षक संगठनों की ओर से विरोध किया जा रहा है। संगठनों का तर्क है कि प्रतिनियुक्ति आदेशों में नियम-कायदे भी ताक पर रखे जा रहे हैं।
नियमानुसार जहां शिक्षकों की कमी हो या जहां शिक्षक नहीं हो, उन स्कूलों में कार्यव्यवस्था के तहत विभाग शिक्षिकों को लगा सकता है।
ऐसे निकाले आदेश
-विभाग ने हाल ही आदेश जारी कर सेकेंड ग्रेड शिक्षिका मनीषा चौधरी को शहीद प्रेम सिंह राजकीय माध्यमिक स्कूल बालोतरा से उच्च माध्यमिक स्कूल डूंगरी खुर्द मालपुरा टोंक स्कूल में कार्य व्यवस्था के नाम पर लगाया है। विभाग ने शिक्षिका का मंडल भी बदल दिया।
-अध्यापक लेवल 2 की तृतीय श्रेणी शिक्षिका शकुंलता मीणा को राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय घाटवा कुचामन से पीएमश्री राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय मीनावाला झोटवाड़ा जयपुर में कार्यव्यवस्था के नाम पर लगा दिया। उनका जिला तक बदल दिया गया।
-प्रधानाचार्य रामप्रसाद शर्मा को राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय भूलों ब्लॉक छबड़ा जिला बारां से राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय संतोषी नगर केबी. कोटा में कार्यव्यवस्था के नाम पर लगा दिया।
नियमानुसार हो शिक्षा विभाग में तबादले
शिक्षा विभाग में बैकडोर की बजाय नियमानुसार तबादला होने चाहिए, शिक्षक इच्छित स्थान पर मनोयोग से अध्यापन कार्य करवा सकें। वर्तमान सरकार गठन के 18 माह बीतने के बावजूद भी शिक्षा विभाग में तबादले नहीं हुए हैं।
-बसन्त कुमार ज्याणी, प्रदेश प्रवक्ता, राजस्थान वरिष्ठ शिक्षक संघ रेस्टा
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर से सवाल
कार्यव्यवस्था के नाम पर शिक्षकों को कैसे लगाया जा रहा है?
शिक्षा मंत्री: हमारे यहां समग्र शिक्षा, पाठ्यपुस्तक मंडल सहित कई जगह पद होते हैं, वहां जरूरत होती हैं तो उन जगहों पर शिक्षकों को कार्य व्यवस्था के नाम पर लगाया जाता है।
कार्यव्यवस्था के तहत लगने वाले शिक्षकों के चयन का क्या आधार करते हैं?
शिक्षा मंत्री: हमारी जरूरत देखकर लगाते हैं। किस तरह का कार्मिक चाहिए। कुछ परिस्थितियां होती हैं, कोई सौ फीसदी दिव्यांग हैं तो मानवीय पहलू को भी देखा जाता है।
तबादले में नियम-कायदे देखे जाते हैं, कार्यव्यवस्था में कोई नियम नहीं?
शिक्षा मंत्री: हमारे कई कैडर हैं। उन कैडरों पर जरूरत के आधार पर लगाया जाता है।