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जयपुर

मेनार व खीचन में हजारों पक्षियों का बसेरा, मिली अंतरराष्ट्रीय पहचान, आएंगे सैलानी

– विश्व पर्यावरण दिवस विशेष: राजस्थान के नाम जुड़ी बड़ी उपलब्धि, पीएम मोदी बोले- ग्रेट न्यूज

जयपुरJun 05, 2025 / 12:32 pm

MOHIT SHARMA

Photo: Union Cabinet Minister Bhupender Yadav X handle

जयपुर. आज विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जा रहा है। इस मौके पर राजस्थान के लिए अच्छी खबर सामने आई है। पर्यावरण संरक्षण को लेकर हो रहे काम में उदयपुर का मेनार और फलौदी के खीचन को भारत के वेटलैंड विरासत (वैटलैंड्स साइट इन राजस्थान) से जोड़ा गया है। ये दोनों वेटलैंड में जुडऩे वाले नए स्थल हैं। इसकी घोषणा के साथ अब भारत में कुल 91 रामसर साइट्स हो गई हैं।

राजस्थान से वेटलैंड सूची में दो एंट्री

केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने इस बात की जानकारी दी है। भूपेंद्र यादव ने एक्स पर लिखा, ” पर्यावरण दिवस की पूर्व संध्या पर भारत ने अंतरराष्ट्रीय महत्व की वेटलैंड की सूची में दो नए प्रवेश किए हैं। भारत में रामसर स्थलों (रामसर साइट्स इन राजस्थान) की सूची में शामिल होने वाले दोनों राजस्थान के हैं।

पीएम मोदी बोले- तेजी से प्रगति हो रही

भूपेंद्र यादव की घोषणा पर पीएम मोदी ने कहा कि यह बहुत अच्छी खबर है। पर्यावरण संरक्षण में भारत की प्रगति बहुत तेजी से हो रही है और इसमें जन भागीदारी भी शामिल है। पीएम ने मंत्री यादव की जानकारी को री-ट्वीट किया है।

अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलने से आएंगे सैलानी

उदयपुर के मेनार को अंतरराष्ट्रीय महत्व की वेटलैंड्स की सूची रामसर साइट्स में शामिल किया गया है। मेनार झील को ‘बर्ड विलेज’ के नाम से भी जाना जाता है। उदयपुर- चित्तौडग़ढ़ मार्ग पर आबाद मेनार गांव आज देश-दुनिया के नक्शे कदम पर आ गया। अब मेनार में पक्षियों का कलरव सुनने देशी-विदेशी पर्यटकों की आमद और बढ़ जाएगी। यहां 200 से अधिक प्रजातियों के पक्षी आते हैं। विशिष्ट पहचान मिलने से उदयपुर में एक और गांव पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो सकेगा।

प्रवासी पक्षियों के लिए महत्वपूर्ण आवास

राजस्थान से फलौदी का खीचन को भी भारत की वेटलैंड विरासत में जोड़ा गया है। खीचन, जोधपुर जिले के फलोदी में स्थित है, जो अपने डेमोइसेल क्रेन (कुरजां) के लिए विश्व प्रसिद्ध है। हर साल सर्दियों में हजारों डेमोइसेल क्रेन यहां प्रवास करती हैं, जिसे देखने के लिए देश-विदेश से पर्यटक और पक्षी प्रेमी आते हैं। खीचन का वेटलैंड प्रवासी पक्षियों जैसे डेमोइसेल क्रेन, व्हाइट-टेल्ड लैपविंग, और अन्य जलपक्षियों के लिए महत्वपूर्ण आवास है।

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