छात्रसंघ चुनाव को लेकर बवाल: RU में पुलिस ने जबरन तुड़वाया छात्र नेता का अनशन, समर्थन में आए अशोक गहलोत
Rajasthan News: राजस्थान यूनिवर्सिटी में छात्रसंघ चुनाव की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे छात्र नेता शुभम रेवाड़ को जबरन हिरासत में लेकर पुलिस ने उनका अनशन तुड़वा दिया।
Rajasthan News: राजस्थान यूनिवर्सिटी में छात्रसंघ चुनाव की मांग को लेकर चल रहा छात्र आंदोलन गुरुवार को खत्म हो गया। क्योंकि पुलिस ने भूख हड़ताल पर बैठे छात्र नेता शुभम रेवाड़ को जबरन हिरासत में लेकर उनका अनशन तुड़वा दिया। पिछले चार दिनों से यूनिवर्सिटी के मुख्य गेट पर आमरण अनशन पर बैठे शुभम ने सरकार और यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा कि जब तक छात्रसंघ चुनाव बहाल नहीं होते, उनका आंदोलन जारी रहेगा।
दरअसल, सोमवार से शुरू हुआ यह अनशन गुरुवार दोपहर को उस समय विवादों में आ गया, जब पुलिस की एक टीम दोपहर 2 बजे के आसापास यूनिवर्सिटी के मुख्य गेट पर पहुंची। पुलिस ने अनशन पर बैठे छात्रों को तत्काल अनशन खत्म करने का आदेश दिया। इस आदेश का विरोध करने पर छात्रों और पुलिस के बीच करीब 30 मिनट तक जोरदार बहस हुई।
इस दौरान शुभम रेवाड़ को हिरासत में लेने की कोशिश के दौरान पुलिस और छात्रों के बीच मामूली झड़प भी हुई। दोपहर 2.30 बजे के आसापास पुलिस ने शुभम को हिरासत में लिया और उन्हें सवाई मानसिंह हॉस्पिटल के इमरजेंसी वार्ड में ले जाया गया, जहां लिक्विड ड्रिप की मदद से उनका अनशन जबरन समाप्त करवाया गया। इसके बाद दोपहर 3.30 बजे पुलिस ने शुभम को रिहा कर दिया।
*क्या अब हमे शांति प्रिय तरीके से हमारी मांग रखने का भी अधिकार नहीं है।*
हर बार की तरह इस बार भी विश्वविद्यालय प्रशासन ने विद्यार्थियों की मांग न मानते हुए पुलिस प्रशासन को आगे कर दिया। लेकिन ऐसा कब तक चलेगा , क्यों विश्वविद्यालय प्रशासन छात्र संघ चुनावों से डर रहा है ? क्या… pic.twitter.com/v9fgVOFDlS
छात्र नेता शुभम रेवाड़ ने यूनिवर्सिटी प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि प्रशासन न केवल उनकी जायज मांगों को अनसुना कर रहा है, बल्कि सरकार को छात्रसंघ चुनाव न कराने की सलाह भी दे रहा है। शुभम ने कहा कि हमने शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रखी, लेकिन प्रशासन और सरकार हमारी मांगों को दबाने की कोशिश कर रहे हैं। मुझे जबरन हिरासत में लेकर मेरा अनशन तुड़वाया गया, लेकिन मैं रुकने वाला नहीं हूं। जब तक राजस्थान सरकार लाखों युवाओं की मांग को पूरा नहीं करती, हमारा आंदोलन और तेज होगा।
शुभम रेवाड़ ने साफ किया कि यह आंदोलन केवल यूनिवर्सिटी तक सीमित नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि आम छात्रों के साथ मिलकर वे सड़कों पर भी उतरेंगे और अपनी मांग को पुरजोर तरीके से उठाएंगे।
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पूर्व सीएम गहलोत ने जताई नाराजगी
इस घटना पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि छात्रसंघ चुनाव बहाल करने की मांग को लेकर अनशन कर रहे छात्र नेताओं को पुलिस द्वारा बलपूर्वक हटाना निंदनीय है। लोकतंत्र में धरना, प्रदर्शन और अनशन अपनी बात रखने के वैधानिक तरीके हैं। सरकार को बल प्रयोग के बजाय छात्रों से बातचीत कर समाधान निकालना चाहिए।
छात्रसंघ चुनाव बहाल करवाने की मांग को लेकर राजस्थान विश्वविद्यालय में अनशन कर रहे छात्र नेताओं को पुलिस द्वारा जबरन बलपूर्वक वहां से उठाना निंदनीय है। लोकतंत्र में धरना, प्रदर्शन, अनशन अपनी बात सरकार के सामने रखने के लोकतांत्रिक तरीके हैं। राज्य सरकार को बल प्रयोग की बजाय इन… pic.twitter.com/mVho9eUQc9
बताते चलें कि राजस्थान यूनिवर्सिटी में छात्रसंघ चुनाव की मांग को लेकर लंबे समय से विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं। छात्रों का आरोप है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन ने एडमिशन फीस के साथ-साथ चुनावी शुल्क भी वसूला, लेकिन इसके बावजूद चुनाव कराने में आनाकानी की जा रही है। इस मुद्दे पर विभिन्न छात्र संगठनों ने अलग-अलग तरीकों से विरोध जताया है।
एनएसयूआई से जुड़े छात्रों ने जहां मुख्यमंत्री की बारात निकालकर विरोध दर्ज किया, वहीं एबीवीपी से जुड़े छात्रों ने पूर्व मुख्यमंत्री की शव यात्रा निकालकर अपना गुस्सा जाहिर किया। कुछ छात्रों ने जल समाधि और जमीन समाधि जैसे कदम भी उठाए, लेकिन सरकार और यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से अब तक कोई ठोस फैसला नहीं लिया गया है।
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