बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने देवेश को निर्देश दिया कि वे ट्रायल में पूरा सहयोग करें और किसी भी गवाह को प्रभावित करने का प्रयास न करें।
SOG ने चार्जशीट में क्या बताया?
बताते चलें कि राजस्थान पुलिस का विशेष जांच दल (SOG) ने इस मामले में रामू राम राईका को 1 सितंबर को गिरफ्तार किया था। आरोप है कि राईका ने, जो उस समय RPSC के सदस्य थे, अपने बेटे देवेश और बेटी शोभा को परीक्षा से पहले प्रश्न पत्र उपलब्ध कराया। SOG की चार्जशीट के अनुसार, यह पेपर लीक संगठित तरीके से हुआ। इसमें RPSC के तत्कालीन चेयरमैन संजय क्षोत्रिय, सदस्य मंजू शर्मा, संगीता आर्या और जसवंत राठी की भूमिका संदिग्ध पाई गई है। इन सभी पर राईका के बच्चों को अनुचित लाभ पहुंचाने का आरोप है, जिसने भर्ती प्रक्रिया की विश्वसनीयता को गहरी चोट पहुंचाई।
जांच में सामने आया कि प्रश्न पत्र बाबूलाल कटारा ने रामू राम राईका को उपलब्ध कराया था। कटारा को मार्च 2021 में तत्कालीन चेयरमैन भूपेंद्र सिंह ने SI भर्ती परीक्षा के प्रश्न पत्र तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी थी। भूपेंद्र सिंह अक्टूबर 2020 से दिसंबर 2021 तक RPSC के चेयरमैन रहे।
चार्जशीट के मुताबिक, कटारा ने परीक्षा के लिए दो-दो सेट प्रश्न पत्र तैयार किए थे, क्योंकि यह परीक्षा पहले एक ही दिन में आयोजित होनी थी। इस लीक ने भर्ती प्रक्रिया की निष्पक्षता को गंभीर रूप से प्रभावित किया और अभ्यर्थियों के बीच असंतोष पैदा किया।
29 अक्टूबर को पेश हुई थी चार्जशीट
गौरतलब है कि SOG ने 29 अक्टूबर को 20 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की, जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे किए गए। अब तक इस मामले में 80 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें करीब 50 ट्रेनी सब इंस्पेक्टर शामिल हैं। इन ट्रेनीज को राजस्थान पुलिस ट्रेनिंग अकादमी से अलग-अलग समय पर गिरफ्तार किया गया। जांच अभी भी जारी है, और आने वाले दिनों में और खुलासों की संभावना जताई जा रही है।