यह यात्रा अब तक 24 जिलों में 11,200 किमी से अधिक सड़कों की जांच कर चुकी है और जल्द ही प्रदेश के शेष 10 जिलों में भी पहुंचेगी। राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज, जयपुर के सभागार में गुरुवार को आयोजित सम्मान समारोह में इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के प्रतिनिधियों ने पीडब्लयूडी के मुख्य अभियंता (गुणवत्ता नियंत्रण) जसवंत खत्री को प्रमाण पत्र और स्मृति चिन्ह प्रदान किया। इस अभियान का नेतृत्व उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी के मार्गदर्शन में किया जा रहा है।
यह यात्रा 30 मार्च 2025 (चैत्र शुक्ल प्रतिपदा संवत् 2082) को श्रीगंगानगर के राजकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय से प्रारंभ हुई थी। दौसा होते हुए यह जयपुर पहुंची है और प्रदेश के सभी 33 जिलों से गुजरते हुए बुद्ध पूर्णिमा के दिन श्रीगंगानगर में सम्पन्न होगी।
इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य दोष निवारण अवधि में बनी सड़कों की गुणवत्ता का मूल्यांकन है, जिसे पॉलिटेक्निक कॉलेजों के अंतिम वर्ष के छात्र-छात्राओं द्वारा किया जा रहा है। छात्रों को जिला स्तर पर लॉटरी के माध्यम से चुना जाता है और विभिन्न खण्डों की सड़कों की गहन जांच के लिए भेजा जाता है।
खराब पाई गई सड़कों की रिपोर्ट के आधार पर संबंधित संवेदक व अभियंता को सुधार के निर्देश दिए जाते हैं। अब तक श्रीगंगानगर, बीकानेर, जैसलमेर, बाड़मेर, जालौर, सिरोही, उदयपुर, कोटा, भरतपुर, अलवर समेत 24 जिलों की 11,200 किमी से अधिक लंबाई की 2,224 सड़कों की जांच की जा चुकी है।
इन जिलों में अब तक हुई जांच
यात्रा के दौरान अब तक 24 जिलों में 11202.89 किमी दूरी की 2224 सड़कों की गुणवत्ता की जांच की जा चुकी है। श्री गंगानगर में लगभग 325 किमी की 38 सड़कों, बीकानेर में 378 किमी की 53 सड़कों, जैसलमेर में 424 किमी की 42 सड़कों, बाड़मेर में 564 किमी की 69 सड़कों, जालौर में 396 किमी की 36 सड़कों, सिरोही में 177 किमी की 33 सड़कों, राजसंमद में 333 किमी की 50 सड़कों, उदयपुर में 630 किमी की 97 सड़कों, डूंगरपुर में 493 किमी की 47 सड़कों, बांसवाड़ा में 244 किमी की 49 सड़कों, प्रतापगढ़ में 434 किमी की 49 सड़कों, चित्तौडगढ़ में 226 किमी की 43 सड़कों, भीलवाड़ा में 311 किमी की 51 सड़कों, टोंक में 373 किमी की 50 सड़कों, बूंदी में 256 किमी की 37 सड़कों, कोटा में 670 किमी की 252 सड़कों, झालावाड़ में 707 किमी की 177 सड़कों, बारां में 632 किमी की 139 सड़कों, सवाईमाधोपुर में 774 किमी की 144 सड़कों, करौली में 660 किमी की 120 सड़कों, धौलपुर में 383 किमी की 84 सड़कों, भरतपुर में 610 किमी की 182 सड़कों, अलवर में 700 किमी की 242 सड़कों तथा दौसा में 500 किमी की 140 सड़कों की जांच यात्रा के दौरान करवाई जा चुकी है।