पानी पूरे वर्ष उपलब्ध होने की संभावना बढ़ेगी
यमुना नदी जलग्रहण क्षेत्र में रेणुकाजी (हिमाचल प्रदेश) और लखवार बांध (उत्तराखण्ड) का निर्माण किया जा रहा है। नदी में ज्यादा पानी आने पर बांध में पानी रोका जाएगा और इसी पानी को जरूरत के अनुसार राज्यों में सप्लाई के लिए छोड़ा जाएगा। प्रदेश को अपने हिस्से का पानी पूरे वर्ष उपलब्ध होने की संभावना बढ़ेगी। यमुना अपर रिवर बेसिन में राजस्थान के अलावा उत्तरप्रदेश, उत्तराखण्ड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली शामिल हैं।टास्क फोर्स की बैठक में हुई चर्चा
हथिनीकुंड बैराज से राज्य में जलापूर्ति सुनिश्चित करने के लिए गठित टास्क फोर्स की तीसरी बैठक 30 जून को पंचकूला में हुई थी। इसमें राजस्थान और हरियाणा के अधिकारियों के बीच विभिन्न विषयों पर विस्तृत चर्चा की गई।लागत 11320 करोड़, राज्य की हिस्सेदारी 215 करोड़ रुपए
यमुना नदी के जलग्रहण क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में तीन प्रमुख बांधों का निर्माण कराया जा रहा है। इनमें से अभी लखवार और रेणुकाजी बांधों का निर्माण कार्य चल रहा है। यमुना रिवर बोर्ड की इन परियोजनाओं की लागत 11320.46 करोड़ रुपए है। इसमें राजस्थान की कुल हिस्सेदारी 215.66 करोड़ रुपए है।दो चरणों में होगा काम…
1- पहले चरण में राजस्थान के चूरू, सीकर, झुंझुनूं और अन्य क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति के लिए जल उपलब्ध होगा।2- दूसरे चरण में चूरू जिले में 35000 हेक्टेयर और झुंझुनूं जिले में 70000 हेक्टेयर में सिंचाई के लिए पानी दिया जाएगा।