विभाग ने स्पष्ट किया है कि 1 सितंबर से अपात्र पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस कार्रवाई के तहत योजना लागू होने के समय से अब तक लिए गए गेहूं की कीमत बाजार दर पर वसूली जाएगी। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अपात्र लोगों के कारण वास्तव में जरूरतमंद परिवारों को नुकसान होता है और सरकारी अनाज वितरण प्रणाली पर अनावश्यक बोझ पड़ता है।
राजस्थान में 22 लाख से अधिक ने छोड़ा खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ, 403.39 करोड़ का वार्षिक वित्तीय भार होगा कम
ये लोग मान जाएंगे अपात्र
सरकार ने इस अभियान के तहत साफ तौर पर उन श्रेणियों को अपात्र माना है, जिनमें सरकारी सेवाओं में कार्यरत कर्मचारी, निजी वाहन (विशेष रूप से कार) के स्वामी और ऐसे परिवार शामिल हैं, जिनकी वार्षिक आय एक लाख रुपए से अधिक है।
क्या है उद्देश्य
अभियान का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ केवल उन्हीं लोगों को मिले जो वास्तव में इसके पात्र हैं और जिनकी आर्थिक स्थिति कमजोर है। विभाग ने आमजन से अपील की है कि वे ईमानदारी दिखाते हुए स्वयं ही अपना नाम हटवाकर सरकार के इस प्रयास में सहयोग करें ताकि गरीब और जरूरतमंद वर्ग को योजना का पूरा लाभ मिल सके।