खान विभाग के प्रमुख शासन सचिव टी. रविकान्त ने बताया कि लीज इंफॉर्मेशन सिस्टम (LIS) और डिमांड सिस्टम को पूरी तरह से ऑनलाइन कर दिया गया है। इस डिजिटल व्यवस्था के तहत अब खनिज अभियंता (ME) और सहायक खनिज अभियंता (AME) द्वारा सभी दस्तावेजों का ऑनलाइन सत्यापन किया जा सकेगा। वहीं, लीजधारक स्वयं अपनी लीज से संबंधित सभी जानकारियां जैसे — “कंसेट टू ऑपरेट”, अनुमोदित माइनिंग प्लान, डेडरेंट, खनिज खनन आदि — ऑनलाइन देख सकेंगे।
मुख्यमंत्री एवं खान मंत्री भजनलाल शर्मा के मार्गदर्शन में खान विभाग लगातार पारदर्शी, सुगम और तकनीक-आधारित व्यवस्थाएं विकसित कर रहा है। हाल ही में माइनिंग प्लान की स्वीकृति प्रक्रिया को भी पूरी तरह से ऑनलाइन किया गया है।
रविकान्त ने कहा कि इस नई व्यवस्था से लीजधारकों को कार्यालयों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे, जिससे उनका समय और धन दोनों की बचत होगी। वहीं विभागीय प्रक्रिया अधिक द्रुत, प्रभावी और पारदर्शी बन सकेगी।
यह डिजिटल परिवर्तन प्रदेश के खनन क्षेत्र में सुधार और सुशासन की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा।