स्मार्ट मीटर लगाने का काम होने जा रहा है शुरू
अभी इतनी राशि की बिलिंग हो रही है। हालांकि, उपभोक्ता को 15 पैसे यूनिट की छूट इसमें भी मिलती रहेगी। केंद्र सरकार की आरडीएसएस स्कीम के तहत प्रदेश में करीब 1.43 करोड़ कनेक्शनधारियों के स्मार्ट मीटर लगाने का काम शुरू होने जा रहा है। इस पर 14037 करोड़ रुपए खर्च होंगे। अभी तक इसमें पोस्टपेड का भी विकल्प है।उपभोक्ताओं को सुविधा का दावा..
1- प्रतिदिन की बिजली खपत और शुल्क (खर्चे) की जानकारी मिलेगी। इस आधार पर मासिक उपभोग की प्लानिंग कर पाएंगे।2- घर की सप्लाई बंद होते ही सीधे कंट्रोल रूम में सूचना पहुंचेगी।
3- बिजली सप्लाई का लोड अधिक होते ही मोबाइल पर अलर्ट मैसेज आता रहेगा।
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शुरुआत दो-चार माह तक होगी बिलिंग
डिस्कॉम ऐसा मैकेनिज्म तैयार कर रहा है कि जिससे उपभोक्ता इसे आसानी से अपना ले। इसके लिए शुरुआती दो से चार माह तक पोस्टपेड की सुविधा देने पर विचार कर रहे हैं। इसके बाद स्वत: प्रीपेड किया जाएगा। इसलिए मीटर में दोनों विकल्प होंगे। टीम ने सर्वे शुरू कर दिया गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि प्रीपेड व्यवस्था के साथ निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जानी चाहिए।राजस्थान में कंपनियां बनाएंगी सस्ती बिजली, पर प्रदेश को नहीं मिलेगी 1 यूनिट भी, जानें क्यों
इसलिए कर रहे बदलाव…
1- ऊर्जा विभाग के अफसरों का कहना है कि केंद्र सरकार ने एजेंडा तय किया है कि देशभर में पुराने मीटर को प्रीपेड स्मार्ट मीटर में बदला जाए। इसके पीछे मंशा डिस्कॉम्स की आर्थिक स्थिति सुधारना और लोगों को निर्बाध बिजली आपूर्ति करना है।2- डिस्कॉम्स को पहले ही पैसा मिल जाएगा तो वह भी उत्पादन कंपनियों को समय पर भुगतान कर पाएगी। इससे विलंब शुल्क, पेनल्टी की नौबत नहीं आएगी। बैंकों से लोन लेने की नौबत कम आएगी। बिलिंग जारी करने से लेकर वितरित करने की प्रक्रिया से मुक्ति मिलेगी।
3- उपभोक्ताओं को पन्द्रह पैसे यूनिट की छूट मिलती रहेगी, इसी आधार पर प्लान तैयार किया गया है।