धर्मांतरण माफिया के टारगेट पर हैं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग
पत्रिका में धर्मांतरण माफिया की खबर प्रकाशित होने के बाद शनिवार को कई लोगों ने ऐसी घटनाओं की जानकारी दी। इससे साफ हुआ कि प्रदेश के उत्तरी जिलों में ग्रामीण हिंदू महिलाएं और दक्षिण में सामाजिक व आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग धर्मांतरण माफिया के टारगेट पर हैं। झुंझुनूं में केस दर्ज करवा चुके सुनील सिंह ने बताया कि महिलाओं को किसी महाराज का सत्संग बता चंगाई सभा में बुलाया जा रहा है। इसके बाद प्रलोभन देकर पूरे परिवार बुलाया जाता है।पूरे परिवार के धर्म परिवर्तन पर मिलते हैं 3 से 8 लाख रुपए
इन परिवारों की ज्यादातर समस्याएं लाख-दो लाख की मदद से दूर हो सकती है। ये लोग इसी का फायदा उठाते हैं। सुनील ने आरोप लगाया कि पूरे परिवार के धर्म परिवर्तन पर उसकी सामाजिक स्थिति के अनुसार 3 से 8 लाख रुपए तक दिए जा रहे हैं।Conversion in Rajasthan: राजस्थान में धर्मांतरण का बड़ा खेल, कोने-कोने में हिंदुओं को बना रहे ईसाई, अपना रहे ये हथकंडे
दस ईसाई बनाओ… मासिक वेतन पाओ
बांसवाड़ा के मोटाभाई शंकर भील ने बताया कि गांव परतापुर में सभाओं में धर्म परिवर्तन करने पर भील समुदाय के व्यक्ति को 1 लाख रुपए का लालच दिया जाता हैं। वहीं 10 लोगों को ईसाई बनवाने पर हर माह राशन, कपड़े व मासिक वेतन का प्रलोभन दिया जाता है। मंच से हिंदुओं के आराध्यों को अपशब्द कहना, लोगों को भ्रमित कर बाइबल, क्रॉस व ब्रेसलेट देना आम है। शंकर ने जनवरी में गढ़ी थाने में एफआइआर दर्ज करवाई। कसारवाड़ी के एक मामले में भी ईसाई बनने पर 1 लाख रुपए का लालच दिया गया।10 साल की जेल व जुर्माना
फरवरी-2025 से लागू राजस्थान अवैध धर्म परिवर्तन निषेध कानून के अनुसार व्यक्ति को खुद के धर्म परिवर्तन से 2 माह पहले और परिवर्तन करवाने वाले को एक माह पहले जिला मजिस्ट्रेट को सूचना देनी होती है। कानून का उल्लंघन करने पर जुर्माने व 10 साल तक की जेल के प्रावधान हैं।राजस्थान में एक जुलाई से खुलेंगे स्कूल, शिक्षा विभाग का सख्त आदेश जारी, पालन करना अनिवार्य
यह मामले भी…
कोटा – एक कोचिंग छात्रा ने सुसाइड नोट में बताया कि मुफ्त ट्यूशन के बदले उस पर चर्च जाने का दबाव डाला जा रहा था।बांसवाड़ा – चिकित्सा शिविर लोगों को ईसाई बनने के लिए प्रलोभन दिए गए।
जयपुर – सामोद में सिलाई मशीन के बदले धर्म सभाओं में आने को कहा। झालाना में मुफ्त किताबों के बदले पादरी ने बच्चों को ईसाई धर्म अपनाने का प्रलोभन दिया।
हनुमानगढ़ – धर्मसभा में लोगों को ईसाई प्रार्थना में शामिल होने पर ही भोजन व कपड़े लेने की शर्त लगाई गई।