रेरा अथॉरिटी का सख्त एक्शन
तिमाही प्रोजेक्ट रिपोर्ट (क्यूपीआर) रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) के पोर्टल पर अपलोड करनी होती है। इसके जरिए बुकिंग कराने वाले लोगों को भी जानकारी मिल जाती है कि उन्हें प्रॉपर्टी तय समय पर मिल सकेगी या नहीं। रेरा अथॉरिटी ने इस पर सख्त एक्शन लेते हुए ऐसे सभी बिल्डर, डवलपर्स को नोटिस जारी किए हैं। उन्हें प्रोजेक्ट प्रोग्रेस रिपोर्ट भेजने के लिए एक माह का अल्टीमेटम दिया है। ऐसा नहीं करने पर पेनल्टी से लेकर प्रोजेक्ट निरस्त करने तक के प्रावधान की याद दिला दी है।2- अभी 5 हजार रुपए प्रति प्रोजेक्ट पेनल्टी, फिर टेकओवर करने तक के प्रावधान।
देरी के बाद सख्ती
प्रोजेक्ट्स में देरी के बाद रेरा को बिल्डर पर मॉनिटरिंग का दायरा बढ़ाना पड़ा है। हर तीन माह में प्रोजेक्ट की प्रोग्रेस रिपोर्ट देना अनिवार्य किया गया। साथ ही खरीदारों को भी सुविधा देना कि उन्हें पता चल सके कि उनके आशियाना का काम कितना पूरा हुआ, लेकिन कई बिल्डर फिर भी लापरवाही बरतते रहे।ये है स्थिति…
3728 प्रोजेक्ट रजिस्टर्ड हैं रेरा में (प्लॉट 1745, कॉमर्शियल 105, ग्रुप हाउसिंग 1775, आवासीय व कॉमर्शियल मिक्स 103)।561 बिल्डर-डवलपर ने एक्सटेंशन लिया अब तक।
97 प्रोजेक्ट से 1.87 करोड़ रुपए पेनल्टी वसूली गई अभी तक।
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ये है पेनल्टी..
1- प्रति क्यूपीआर 5 हजार रुपए की पेनल्टी। अब हर तीन माह में राशि जुड़ती जाएगी।2- प्रोजेक्ट लागत की 5 प्रतिशत तक पेनल्टी लगाई जा सकती है।
3- रेरा कोर्ट में मामला पहुंचने और आदेश की पालना नहीं करने पर प्रोजेक्ट टेकओवर करने की स्थिति।
4- बुकिंगकर्ता को ब्याज समेत जमा राशि लौटाने का भी प्रावधान है।
बिल्डर ये कर रहे…
1- जिस तिमाही में प्रोजेक्ट रजिस्टर्ड होगा, उस तिमाही के अंत में बिल्डर और डवलपर्स को अपनी पहली प्रोग्रेस रिपोर्ट सबमिट करनी होती है।2- ऑनलाइन रिपोर्ट सबमिट करने पर प्रमोटर को फीस नहीं देनी होती है।
3- बिल्डर और डवलपर्स यह काम सर्टिफाइड आर्किटेक्ट, इंजीनियर और चार्टर्ड अकाउंटेंट से करा सकते हैं।
4- आप खुद प्रोजेक्ट की जानकारी यहां देख सकते हैं- https:// rera. rajasthan. gov. in/ project- search।