बता दें कि लगातार हो रही दुर्घटनाओं ने इस मार्ग को मौत का हाईवे बना दिया है। हाईवे पर ओवर स्पीड और ओवर टेकिंग के चलते सबसे अधिक हादसे हो रहे हैं। जिम्मेदार तंत्र की अनदेखी के चलते आमजन की जान जोखिम में है, लेकिन प्रशासन और पुलिस मूकदर्शक बने हुए हैं।
राजस्थान के NH-52 पर भीषण सड़क हादसा, 12 दिन की नवजात समेत तीन की दर्दनाक मौत
पिछले दो महीने में हादसा बढ़ा
पिछले दो महीने में हादसों का ग्राफ और बढ़ा है। सिर्फ 65 दिन में 14 दुर्घटनाओं में 21 लोगों ने जान गंवाई और 34 घायल हुए। सबसे अधिक हादसे रायसर थाना क्षेत्र में दर्ज हुए हैं।
गुरुवार को हुए हादसे में एक और मौत
बुधवार को भट्टकाबास मोड़ के पास हुए भीषण हादसे में एमपी से दुल्हन लेकर लौट रही सवारी जीप की कंटेनर से टक्कर हो गई। इसमें दुल्हन भारती (19), जीतू कुमावत (33), सुभाष मीणा (28), रवि मीणा (17) और श्रवण मीणा (60) की मौत हुई। आठ अन्य घायल हुए। गुरुवार को इलाज के दौरान गंभीर घायल शंकर मीणा (37) ने भी दम तोड़ दिया।
हादसे में मरने वालों में दो सगे भाई हैं, जबकि तीसरे भाई नरेश का इलाज चल रहा है। पुलिस ने पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजन को सौंप दिए। लगातार बढ़ रही दुर्घटनाओं के बीच सवाल बना हुआ है कि इन मौतों का जिम्मेदार कौन है?