सरकार की नजर अब उन संस्थाओं, ट्रस्टों और संगठनों पर है जिन्होंने रियायती दर पर जमीन तो ले ली लेकिन दस्तावेज और जमीनी हकीकत में भारी अंतर है।

रियायती दर पर जमीन पाने वालीं जयपुर की तीन संस्थाएं
- पूरणमल फूलादेवी मेमोरियल ट्रस्ट
जमीन: 64,890 वर्गमीटर
उपयोग: हेल्थकेयर और मेडिकल एजुकेशन
आवंटन दर: 3,450 रुपए प्रति वर्गमीटर - स्थिति: निर्धारित समय सीमा में जमीन पर कोई निर्माण नहीं हुआ और पूरी आवंटन राशि भी जमा नहीं करवाई गई। जेडीए के अनुसार, जमीन पर कब्जा लेने के बाद आवंटी ने कोर्ट से स्टे ले लिया।
- डॉग शेल्टर
- स्थान: जगतपुरा जमीन: 1,000 वर्गमीटर (वर्ष 2022 में आवंटन)
- स्थिति: नोटिस जारी करने के बावजूद तय समय में निर्माण नहीं हुआ। जेडीए ने जमीन पर दोबारा कब्जा ले लिया।
- एनजीओ कंज्यूमर यूनिटी
जमीन: लगभग 4,900 वर्गमीटर
रियायत के नाम पर भू-आवंटन, लेकिन पालना नहीं
राज्य सरकार की भू-आवंटन नीति के तहत विभिन्न सामाजिक, स्वास्थ्य, शैक्षणिक और सार्वजनिक हित की गतिविधियों के लिए संस्थाओं को रियायती दर पर भूमि दी जाती रही है। निवेश और सुविधाओं के नाम पर ये रियायतें दी जाती हैं, लेकिन सवाल यह है कि जब शुरू में ही शर्तों की पालना नहीं हो रही, तो आमजन को इसका लाभ कैसे मिलेगा?जमीन आवंटन की मूल भावना से भटके
पूर्ववर्ती सरकारों ने भी अस्पताल, विश्वविद्यालय, मेडिकल कॉलेज जैसी संस्थाओं को एक रुपए टोकन राशि या बेहद रियायती दर पर जमीनें आवंटित कीं लेकिन कई मामलों में सामने आया है कि गरीब और जरूरतमंद लोगों को इन संस्थानों से वह सुविधा नहीं मिल पा रही, जो जमीन आवंटन की मूल भावना थी।(यूडीएच मंत्री ने इन तमाम बिंदुओं पर प्रमुख सचिव से चर्चा की है।)