अब तक यह है व्यवस्था
रेलवे में कंफर्म टिकट मिलना तो पहले से ही बहुत मुश्किल होता है। अधिकांश यात्रियों को यात्री से पहले वेटिंग टिकट ही मिलता है जो ट्रेन रवाना होने से पहले तक अपडेट होता रहता है। ट्रेन का फाइनल चार्च बनने के बाद भी हजारों यात्री टिकट कंफर्म नहीं होने के कारण यात्रा से वंचित रहते हैं। कई बार पीक सीजन में ट्रेनों में वेटिंग टिकट की लिस्ट भी इतनी लंबी हो जाती है कि रेलवे उस स्थिति में वेटिंग टिकट जारी करना भी बंद कर देता है।
अब ये होंगे बदलाव
सूत्रों ने बताया कि अमूमन चार्ट तैयार होने तक करीब 20 से 25 फीसदी वेटिंग टिकट कंफर्म हो जाते हैं। इसी आधार पर नई सीमा तय की गई है, ताकि यात्रियों को टिकट को लेकर ज्यादा परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। अलग-अलग जोन में नई व्यवस्था लागू करना शुरू किया है। इससे वेटिंग टिकटधारी यात्री की टिकट कंफर्म होने के चांस बढ़ेंगे।अभी तक रेलवे एसी फर्स्ट क्लास में अधिकतम 30, एसी सेकंड में 100, एसी थर्ड में 300 और स्लीपर क्लास में 400 वेटिंग टिकट जारी करता था। इसके चलते यात्रियों को अंतिम समय तक अपने टिकट के कंफर्म होने की चिंता सताती रहती है और कंफर्म नहीं होने पर यात्रा कार्यक्रम गड़बड़ा जाता था।