पंजाब-हरियाणा जल विवाद की आंच पहुंची राजस्थान, 500 क्यूसेक पानी रोका गया, दिल्ली में आज होगी बैठक
Rajasthan Water Crisis : पंजाब-हरियाणा के बीच चल रहे जल विवाद की आंच राजस्थान तक पहुंची है। राजस्थान के हिस्से का 500 क्यूसेक पानी रोका गया। भाखड़ा ब्यास बोर्ड मैनेजमेंट की आज शनिवार को दिल्ली में होने वाली बैठक में राजस्थान भी शामिल होगा। अब राजस्थान को फैसले का इंतजार है।
Rajasthan Water Crisis : पंजाब-हरियाणा के बीच चल रहे जल विवाद की आंच राजस्थान तक पहुंची है। पंजाब ने भाखड़ा नहर से हरियाणा को पानी आपूर्ति घटा दी। इसके बाद हरियाणा से भी राजस्थान के हिस्से का 500 क्यूसेक पानी रुक गया है। यह पानी सिद्धमुख नहर से हनुमानगढ़ जिले तक पहुंचता है। इससे नोहर और भादरा तहसील में पेयजल संकट के हालात बन रहे हैं। इन स्थितियों के बीच राजस्थान के जल संसाधन विभाग के अधिकारी शुक्रवार को दिल्ली पहुंच गए। भाखड़ा ब्यास बोर्ड मैनेजमेंट की शनिवार को बैठक होगी, जिसमें एसीएस अभय कुमार, मुख्य अभियंता अमरजीत सिंह भी शामिल होंगे। राजस्थान भी इस बोर्ड का सदस्य है। इससे पहले वे दिल्ली में गृह विभाग के सचिव की मौजूदगी में हुई बैठक में शामिल हुए, जिसमें भी पानी पर चर्चा हुई।
पंजाब-हरियाणा-राजस्थान के अधिकारियों की बैठक में नहीं बनी सहमति
भाखड़ा नांगल बांध से अतिरिक्त पानी को लेकर पंजाब और हरियाणा में विवाद फिलहाल हाल होता नहीं दिख रहा है। केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने शुक्रवार को विवाद के हल के लिए पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के अधिकारियों के साथ डेढ़ घंटे बैठक की। लेकिन सहमति नहीं बन सकी।
राजस्थान की पानी उपलब्ध कराया जाए
हालांकि बैठक के बाद जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) की ओर से अगले 8 दिनों के लिए हरियाणा और राजस्थान की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए हरियाणा को 4500 क्यूसेक अतिरिक्त पानी देने के निर्णय को लागू किया जाए। यदि बांधों के भरने की अवधि के दौरान पंजाब को अतिरिक्त पानी की आवश्यकता हो तो उसे यह पानी उपलब्ध कराया जाएगा। जानकार सूत्रों के अनुसार बैठक में गृह सचिव ने नगला डैम के आस-पास पंजाब पुलिस की तैनात की तैनाती पर नाराजगी जाहिर की। बताया जाता है कि दोनों राज्यों में सहमति के लिए एक दो बैठकें और हो सकती हैं।
दोनों प्रदेशों में सियासत, सीएम मान बोले- पानी, पंजाब की जीवन रेखा
जल विवाद को लेकर दोनों राज्यों में सियासत जोरों पर है। पंजाब सरकार की ओर से चंडीगढ़ में सर्वदलीय बैठक आयोजित की गई। जिसमें कहा गया कि हरियाणा को अतिरिक्त पानी देने के किसी फैसले को स्वीकार नहीं किया जाएगा। पंजाब में पहले से ही पानी की कमी है। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि पानी, पंजाब की जीवन रेखा है।
उधर हरियाणा ने शनिवार को चंडीगढ़ में सर्वदलीय बैठक बुलाई है। हरियाणा की सिंचाई मंत्री श्रुति चौधरी कहा कि हम अपने जल अधिकार के लिए तत्काल सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। जल्दी सुप्रीम कोर्ट का ग्रीष्मावकाश होने वाला है, हम कोशिश कर रहे हैं कि जल्दी इस पर फैसला हो जाए।