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जयपुर

New Township Policy: यूडीएच नहीं, कैबिनेट देगी मंजूरी, अब सीएम ही कर पाएंगे बदलाव

राजस्थान की नई टाउन​शिप पॉलिसी को ​कैबिनेट मंजूरी देगी। सरकार ने इसका ड्राफ्ट कैबिनेट में ले जाने का फैसला किया है। इसके पीछे मंशा यह है कि भविष्य में पॉलिसी में किसी भी तरह के बदलाव के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया जाए।

जयपुरMay 20, 2025 / 08:19 am

anand yadav

राजस्थान में नई टाउनशिप पॉलिसी

राजस्थान की नई टाउन​शिप पॉलिसी को ​कैबिनेट मंजूरी देगी। सरकार ने इसका ड्राफ्ट कैबिनेट में ले जाने का फैसला किया है। इसके पीछे मंशा यह है कि भविष्य में पॉलिसी में किसी भी तरह के बदलाव के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया जाए। नगरीय विकास विभाग सीधे इसमें बदलाव नहीं कर सकेगा और न ही कैबिनेट में ले जाने की जरूरत होगी, ​बल्कि सीएम ही संशोधन कर अंतिम फैसला लेंगे।
जबकि अभी तक नगरीय ​विकास विभाग अपने स्तर पर कई पॉलिसी जारी करता आया है। पॉलिसी में आमूलचूल परिवर्तन किए जा रहे हैं जिस पर कैबिनेट को अधिकारिकत तौर पर जानकारी देनी होती है। बताया जा रहा है कि पॉलिसी ड्राफ्ट में कई तरह के शुल्क में डेढ़ से दोगुना तक बढ़ोतरी की जा रही है।
नई टाउनशिप पॉलिसी पत्रिका फोटो
नई टाउनशिप पॉलिसी पत्रिका फोटो

विधायकों का दबाव, होता रहा बदलाव

इस पॉलिसी के ​कई नई प्रावधान को लेकर बिल्डर्स- डवपलपर्स रजामंद नहीं थें कई जनप्रतिनिधियों ने भी आपत्ति जताई थी। इनमें सत्ताधारी पार्टी के कई विधायक तक भी शामिल रहे। इसके बाद बिल्डर्स व अन्य स्टेक होल्डर्स के साथ दोबारा मीटिंग करनी पड़ी। इसे भी काफी समय बीत चुका है। इसके बावजूद पॉलिसी को लटकाया जा रहा है।
जयपुर विकास प्राधिकरण फोटो पत्रिका

इन प्रावधान से मची खलबली

डवलपर्स को 7 साल तक टाउनशिप की मेंटीनेंस करनी होगी। तब तक 25 फीसदी भू—खंड नहीं बेच सकेगा। छोटे से बड़े टाउनशिप में समान मापदंड लागू होंगे। अभी 2 हैक्टेयर से कम क्षेत्रफल की टाउनशिप में सुविधाओं का प्रतिशत कम है। नई विकसित होने वाली योजनाओं में आमजन के लिए पार्क एवं जन सुविधाएं ज्यादा उपलब्ध कराने होंगे।

ये बड़े शुल्क वसूल रहे डवलपर्स

बड़े डवलपर्स अभी उपभोक्ताओं से ले—आउट स्वीकृति शुल्क, लीज राशि,सिटी इंफ्रास्ट्रक्चर डवपलपमेंट चार्ज, स्टांप ड्यूटी
सब डिवीजन चार्ज आदि वसूल रहे हैं। वहीं बढ़े हुए शुल्क का भार भी खरीदार पर ही पड़ना तय है।

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