
विधायकों का दबाव, होता रहा बदलाव
इस पॉलिसी के कई नई प्रावधान को लेकर बिल्डर्स- डवपलपर्स रजामंद नहीं थें कई जनप्रतिनिधियों ने भी आपत्ति जताई थी। इनमें सत्ताधारी पार्टी के कई विधायक तक भी शामिल रहे। इसके बाद बिल्डर्स व अन्य स्टेक होल्डर्स के साथ दोबारा मीटिंग करनी पड़ी। इसे भी काफी समय बीत चुका है। इसके बावजूद पॉलिसी को लटकाया जा रहा है।
इन प्रावधान से मची खलबली
डवलपर्स को 7 साल तक टाउनशिप की मेंटीनेंस करनी होगी। तब तक 25 फीसदी भू—खंड नहीं बेच सकेगा। छोटे से बड़े टाउनशिप में समान मापदंड लागू होंगे। अभी 2 हैक्टेयर से कम क्षेत्रफल की टाउनशिप में सुविधाओं का प्रतिशत कम है। नई विकसित होने वाली योजनाओं में आमजन के लिए पार्क एवं जन सुविधाएं ज्यादा उपलब्ध कराने होंगे।ये बड़े शुल्क वसूल रहे डवलपर्स
बड़े डवलपर्स अभी उपभोक्ताओं से ले—आउट स्वीकृति शुल्क, लीज राशि,सिटी इंफ्रास्ट्रक्चर डवपलपमेंट चार्ज, स्टांप ड्यूटीसब डिवीजन चार्ज आदि वसूल रहे हैं। वहीं बढ़े हुए शुल्क का भार भी खरीदार पर ही पड़ना तय है।